नई दिल्ली। इंडियन पॉल्यूशन कंट्रोल एसोसिएशन ने दिल्ली एनसीआर में सेग्रीगेशन ऑफ ऑर्गेनिक वेस्ट फोर रिसाइकिलिंग एंड ट्रीटमेंट परियोजना के चौथे चरण के पूरे होने पर सम्मान समारोह का आयोजन किया। यह कार्यक्रम इंडिया इंटरनेशनल सेंटर दिल्ली में आयोजित किया गया। समारोह में अपर आयुक्त, यूनिफाइड एमसीडी, अमित कुमार शर्मा,, रुबल सिंह, सहायक आयुक्त, शाहदरा दक्षिण जोन, एमसीडी और मनीष मीणा, सहायक आयुक्तए पश्चिम ज़ोन, एमसीडी को आमंत्रित किया गया था।
कार्यक्रम में दिल्ली एनसीआर से सोसाइटीज एवं एजुकेशनल इंस्टिट्यूट्स के कचरा संग्रहक, रेजिडेंट्स, विद्यार्थियों और जिन्होंने कचरे के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, उन्हें सम्मानित और पुरस्कृत किया गया। यह पुरस्कार एक शक्तिशाली प्रोत्साहन के रूप में कार्य करता है, जो उनके प्रयासों की महत्व और उनके सामथ्र्य को पुन: प्रभावित करता है, एक स्वच्छ और हरित वातावरण के लिए अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है। परियोजना को 2018 से दिल्ली एनसीआर में 100 से अधिक सोसाइटियों और संस्थानों में सफलतापूर्वक लागू किया गया और 2022-23 में 50 सोसाइटियों को शामिल किया गया है। इस पहल का लक्ष्य भारत सरकार की प्रमुख अभियान स्वच्छ भारत मिशन का क्रियान्वन करना है। यह परियोजना दिल्ली के 6 ज़ोन के 34 स्थानों में लागू की गई। इस परियोजना ने सोसाइटीज़, संस्थानों के आंतरिक पर्यावरण में लगभग 500 मीट्रिक टन गीले कूड़े को उपचारित किया है और 70 मीट्रिक टन जैविक खाद प्राप्त किया है। परियोजना का मुख्य उद्देश्य वेस्ट जेनरेटर्स में सोर्स सिग्रेगेशन के लिए आचरिक परिवर्तन लाना और खाद बनाने वाले संयंत्र ऐरोबिन माध्यम से ऑर्गेनिक कचरे का आंतरिक संचालन करना है।

इस परियोजना के माध्यम से इंडियन पॉल्यूशन कंट्रोल एसोसिएशन ने सफलतापूर्वक एक सतत विकेन्द्रीकृत ठोस कचरे प्रबंधन प्रणाली का प्रदर्शन किया है। परियोजना सोसाइटियों के निवासियों द्वारा चलाई गई थी।
अमित कुमार शर्मा ने सभा को संबोधित करते हुए एसओआरटी के कार्यान्वयन मॉडल की सराहना की। उन्होंने कहा, अगर हम शून्य कचरा की स्थिति हासिल करना चाहते हैं तो कचरे उत्पादकों के व्यहारिक परिवर्तन को समग्रता से प्रवर्तित करना बहुत महत्वपूर्ण है। रुबल सिंह ने वेट वेस्ट प्रबंधन पर एसओआरटी टीम को बधाई दी। उन्होंने अपनी कहा, एसओआरटी में उपयोग हो रही कम्पोस्टिंग की तकनीक बहुत कुशल है और अब समाजों को अपने आंतरिक कचरे को प्रोसेस करने के लिए इन कम्पोस्टर्स की स्थापना करने के लिए इच्छुक हैं। ये कम्पोस्टर समाज के शून्य कचरा बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
मनीष मीना ने कहा यह परियोजना ऐसे ढंग से डिज़ाइन की गई है जो कचरे के स्रोत विभाजन को प्रमोट करती है और कार्बनिक कचरे के आंतरिक संचालन के माध्यम से अधिकतम वापसी को प्राप्त करती है।
दिल्ली एनसीआर में 100 से अधिक समाज, संस्थानों में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त करने के बाद इन शहरों के नागरिकों ने इस उपयोगी प्रौद्योगिकी के प्रयोग की गई अनुभव को देखकर उसे अपने समाजों में बढ़ाने का निर्णय लिया है।

