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डाक बांटने वाले और दिहाड़ी मजदूर ने खोली कंपनी, उत्तराखंड से करोड़ों ठगे

 Report ring desk

देहरादून। फर्जी बैंक कंपनी खोलकर हजारों लोगों से करोड़ों रुपये ठगने का मामला सामने आया है। ठगी के इस धंधे को दो युवक अंजाम दे रहे थे। पुलिस ने दोनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया है। बताया जाता है कि ब्याज का लालच देकर लोगों को अपने जाल में फंसाते थे। ठगी का धंधा शुरू करने से पहले कंपनी का प्रबंध निदेशक कूरियर कंपनी में डाक बांटने और निदेशक दिहाड़ी मजदूर था।

रायवाला के थानाध्यक्ष हेमंत खंडूड़ी ने बताया कि प्रतीत नगर रायवाला निवासी नरेश चंद्र कुकरेती ने कैलाशी विजन प्रोड्यूसर कंपनी की रायवाला शाखा के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी। रविवार को मामले में कमल भारती निवासी ग्राम इस्सेपुर, नजीबाबाद जिला बिजनौर उत्तर प्रदेश एवं नसीबुद्दीन निवासी जमनपुर, सेलाकुई देहरादून को गिरफ्तार लिया गया। दोनों ने एक अन्य व्यक्ति के साथ जनवरी 2018 में फर्जी कंपनी खोली थी।

कंपनी की 13 ब्रांच देहरादून में व एक कोटद्वार में , पांच नजीबाबाद में और चार मध्य प्रदेश में हैं। करीब नौ हजार खाते खोलकर आकर्षक स्कीम वाली आरडी, एफडी व डेली डिपॉजिट के नाम पर करीब 28 करोड़ रुपये एकत्रित किए। ग्राहकों का भरोसा जीतने के लिए शुरूआत में कुछ को अच्छे ब्याज के साथ धन का भुगतान भी किया। आरोप है कि बाद में ग्राहकों की जमा पूंजी लेकर भाग गए। 

बीए पास कमल भारती कंपनी का प्रबंध निदेशक और पांचवीं पास नसीमुद्दीन निदेशक बना हुआ था। कमल भारती पहले एक कूरियर कंपनी में डाक बांटने और नसीमुद्दीन दिहाड़ी मजदूरी करता था। दोनों एक फाइनेंस कंपनी में एजेंट भी रहे। फाइनेंस कंपनी के संचालक के किसी मामले में जेल जाने के बाद दोनों ने फर्जी कंपनी खोली।

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