नई दिल्ली। ऐक्टू के नेतृत्व में ऑल इंडिया स्कीम वर्कर्स फेडरेशन के बैनर तले हजारों की संख्या में आशा कार्यकर्ताओं, मिड-डे-मील, आंगनबाड़ी, ममता, सहिया आदि ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर केंद्र सरकार के खिलाफ अपने अधिकारों के लिए आवाज बुलंद की और चेतावनी दी कि यदि हमारी मांगे नहीं मानी गई तो पूरे देश में अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी।
स्कीम कर्मियों की प्रमुख मांगों में सरकारी कर्मचारी का दर्जा, जीवन जीने लायक 28 हजार वेतन, 60 साल के रिटायरमेंट के बाद पेंशन, कोरोना काल में काम का हर महीने 10 हजार रु भत्ता जैसी मांगें शामिल हैं।
मिड-डे-मील की राष्ट्रीय संयोजक सरोज चौबे ने कहा कि ऑल इण्डिया सेण्ट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स के आवाहन पर आयोजित यह कार्यक्रम अखिल भारतीय स्तर पर चलाये गये एक अभियान के बाद लिया गया।् इस अभियान में सभी प्रकार के स्कीम वर्कर्स ने अपने राज्यों में भाग लिया। अखिल भारतीय स्कीम वर्कर्स फेडरेशन की राष्ट्रीय संयोजक शशि यादव ने सभी स्कीम वर्कर्स के लिए नियत काम के घण्टों, कर्मचारी का दर्जा के साथ जेण्डर सेल बनाने की मांग की है।
ऐक्टू के महासचिव राजीव डिमरी ने सभी राज्यों आये स्कीम कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार इन सबसे महत्वपूर्ण काम करने वाले कर्मियों के साथ भारी अन्याय कर रही है और उनकी मांगों के पूरा नहीं होने की स्थिति में पूरे देश में संघर्ष तेज होगा। कोरोना महामारी के दौरान बहुत सी आशाओं और अन्य स्कीम कर्मियों ने जनसेवा में अपनी जान तक गंवा दी थी, लेकिन उनके परिजनों को कोई मुआवजा तक नहीं दिया गया।
अखिल भारतीय स्कीम वर्कर्स फेडरेशन की राष्ट्रीय संयोजक शशि यादव और मिड-डे-मील की राष्ट्रीय संयोजक सरोज चौबे के साथ बिहार से आशा नेता विद्यावति, सुनीता, शबया पांडे, कविता, उत्तर प्रदेश की आशा कार्यकर्ता की राज्य अध्यक्ष लक्ष्मी देवी, राज्य सचिव साधना पांडे, कंवल प्रीत कौर, उत्तराखंड से आशा नेता रीता कश्यप,पूजा, रिंकी जोशी, महाराष्ट्र से आंगनबाड़ी की नेता मदीना शेख, सुवर्णा तालेकर, झारखंड से मिड डे मील की नेता अनिता देवी, रविन्द्र कुमार, आंध्र प्रदेश से आशा नेता जाहिरा बेगम, आशा नेता अतर जान बेगम, पंजाब से मिड-डे-मील की नेता अंगूरी देवी, दिल्ली से आशा नेता रमा, असम एवं कार्बी आंग्लोंग से भी आशा नेताओं ने भाग लिया।