By Suresh Agrawal, Kesinga, Odisha
देखने में आ रहा है कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्वयं अपने हाथों झाड़ू थाम की गयी सफ़ाई कार्यक्रम की पहल का समाज पर काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ा है, इतना ही नहीं वह पहल तमाम सरकारी विभागों के कर्मचारी एवं अधिकारियों के लिये प्रेरणा का सबब भी बन गयी है।
इससे लोगों में किसी भी काम के छोटा या बड़ा न होने की भावना प्रबल बन पड़ी है और जिसका दृष्टांत अब समय-समय पर अकसर देखने को मिल जाता है। इसकी एक मिसाल स्थानीय नगरपालिका द्वारा नगर के कुल बारह वार्डों में चलाये गये स्वच्छता अभियान के दौरान वार्ड क्रमांक तीन में देखने को मिली, जब तमाम पालिका कर्मचारियों के साथ स्वयं पालिका प्रशासक सिध्दार्थ पटनायक द्वारा सफ़ाई कार्यक्रम में मुस्तैदी से हाथ बंटाया गया। इस परिप्रेक्ष्य में पूछे जाने पर पटनायक ने कहा कि अपने मातहत कर्मचारियों में काम के प्रति आग्रह पैदा करने स्वयं का आगे आना ज़रूरी है।

एक अन्य जानकारी साझा करते हुये उन्होंने बतलाया कि – पालिका द्वारा सफ़ाई कर्मचारी अथवा कोरोनाकाल में अपनी सक्रिय सेवाएं प्रदान करने वाले स्वच्छ साथियों के सहायतार्थ नागरिकों (प्रति आवास) पर ज़ल्द ही मासिक पचास रुपये यूज़र्स फ़ीस शुल्क लागू किया जायेगा। उन्होंने यह भी बतलाया कि ठोस कचरा प्रबंधन योजना के तहत पालिका द्वारा डूमेरमुंडा में स्थापित माइक्रो कॉम्पोस्टिंग सेण्टर से बेहतर क़िस्म की जैविक खाद का उत्पादन शुरू हो गया है और अच्छी बात यह है कि -एमसीसी से भेजे गये नमूनों को राष्ट्रीय जैविक कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा उसे खाद के रूप में मान्यता प्रदान कर दी गयी है। जिसके चलते एमसीसी से उत्पादित जैविक खाद को अब पालिका स्वयं सुलभ मूल्य पर उपलब्ध कराने की पहल करेगी।

