यहाँ बता दें कि खतरनाक कोरोना महामारी से निपटने और टीके तैयार करने के लिए कई देशों के वैज्ञानिक रात-दिन मेहनत से जुटे हैं, जिसके शायद कुछ महीनों में तैयार हो जाने की उम्मीद है। हालांकि आमतौर पर एक टीका विकसित करने में एक दशक से अधिक का वक्त लगता है।
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कोरोना वायरस महामारी के कहर के बीच कई देश जल्द से जल्द वैक्सीन तैयार करने की पूरी कोशिश में जुटे हैं। चीन में भी इस दिशा में तेज़ी से काम हो रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो वायरस को काबू में करने का टीका चीन में नवंबर के शुरू में सार्वजनिक उपयोग के लिए उपलब्ध हो सकता है।
एक वरिष्ठ वायरोलॉजिस्ट ने बताया कि चीन में कोविड-19 की वैक्सीन के अनुसंधान और विकास का काम प्रगति पर है। सब कुछ ठीक रहा तो आगामी नवंबर महीने की शुरुआत में टीका बाज़ार में आ जाएगा।

चीन में डिसऑर्डर कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के प्रमुख जैव सुरक्षा विशेषज्ञ वू क्वेइचन ने कहा कि विश्व भर में कोविड-19 के जो नौ टीकों का क्लिनिकल परीक्षण तीसरे चरण में प्रवेश कर चुका है, उनमें से पांच चीन के हैं। अब तक जो नतीजे सामने आए हैं वे संतोषजनक है।बताया जाता है कि एक टीके को आमतौर पर बाजार की मंजूरी प्राप्त करने से पहले तीन चरणों का परीक्षण पूरा करना होता है।
उक्त चीनी विशेषज्ञ के मुताबिक जिन लोगों को भी चीन द्वारा विकसित कोविड-19 के टीके लगाए गए हैं उनमें से किसी पर गंभीर दुष्प्रभाव नहीं देखे गए हैं।
उन्होंने आशा जताई कि ऐसी स्थिति में आम लोगों को नवंबर या दिसंबर में टीके लगाए जा सकते हैं। इसके साथ ही उम्मीद है कि टीकाकरण एक से तीन साल तक प्रभावी रहेगा।
गौरतलब है कि खतरनाक कोरोना महामारी से निपटने और टीके तैयार करने के लिए कई देशों के वैज्ञानिक रात-दिन मेहनत से जुटे हैं, जिसके शायद कुछ महीनों में तैयार हो जाने की उम्मीद है। हालांकि आमतौर पर एक टीका विकसित करने में एक दशक से अधिक का वक्त लगता है। लेकिन समय की मांग यही है कि वैक्सीन जल्द से जल्द बाज़ार में आए, हालांकि उसकी सुरक्षा से समझौता कोई भी वैज्ञानिक नहीं करना चाहता है।

