मुख्यमंत्री ने वीडियो काॅलिंग से शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की
भाजपाइयों ने शहीद स्मारक पर जाकर शहीदों को पुष्प अर्पित किए
By Naveen Joshi
खटीमा। 1 सितंबर 1994 खटीमा में हुए गोलीकांड की 26वीं बरसी पर मंगलवार को पुराने तहसील परिसर पर राज्य आंदोलन के शहीदों को याद किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोविड-19 के चलते विधायक पुष्कर सिंह धामी के मोबाइल पर वीडियो काॅल की और खटीमा गोलीकांड के अमर शहीदों को नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।

इससे पहले भाजपा विधायक धामी, गोपाल बिष्ट, नंदन सिंह खड़ायत, गंभीर सिंह धामी, हरीश जोशी, अमित पांडे, गणेश मुंडेला, सतीश गोयल, सतीश भट्ट, जगदीश परगाई, शिवशंकर भाटिया, विवेक मिश्रा, एसडीएम मुक्ति मिश्रा ने शहीद स्मारक जाकर शहीदों को पुष्प अर्पित किए, इसके बाद सभी लोग पुरानी तहसील पहुंचे, जहां खटीमा गोलीकांड के शहीदों परमजीत सिंह, भगवान सिंह, सलीम कुरैसी, धर्मानंद भट्ट, गोपीचंद, प्रताप सिंह और रामपाल सिंह के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किए।


इस दौरान सीएम रावत ने विधायक के मोबाइल पर वीडियो काॅल कर शहीदों को नमन किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। विधायक धामी ने कहा कि शहीदों के सवोच्च बलिदान की बदौलत ही हमें उत्तराखंड राज्य मिला है। शहीदों के सपनों के अनुरूप राज्य का निर्माण करना है। मुख्यमंत्री ने हमारे अनुरोध को मानते हुए पुराने तहसील परिसर पर शहीद स्मारक बनाने की घोषणा की है। स्मारक बनाने के लिए 50 लाख रुपये की राशि आवंटित हो चुकी है। जल्द से जल्द यहां पर शहीद स्मारक का निर्माण कराया जाएगा। इस दौरान एड.गोपाल सिंह बिष्ट, भगवान जोशी, भैरव दत्त पांडे, ईओ धर्मानंद शर्मा समेत कई लोग मौजूद थे।

कांग्रेसियों और आप कार्यकर्ताओं ने भी शहीद स्मारक पर चढ़ाए पुष्प
खटीमा। श्रद्धांजलि सभा से पहले कांग्रेस कार्यकर्ता मुख्य चौराहे पर एकत्र हुए और यहां से कांग्रेस प्रदेश महामंत्री भुवन कापड़ी और नगराध्यक्ष रवीश भटनागर के नेतृत्व में शहीद स्मारक पहुंचे, जहां उन्होंने शहीदों को नमन करते हुए पुष्प अर्पित किए। कांग्रेस प्रदेश महामंत्री कापड़ी ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने हमेशा ही राज्य आंदोलनकारियों का सम्मान किया है और आगे भी करती रहेगी। इस दौरान कांग्रेस नेता महेश जोशी, देवेंद्र कन्याल, नासिर खान, असलम अंसारी, राशिद अंसारी, राजू सोनकर, मनमोहन सिंह आदि मौजूद थे।
उधर, आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी संजय रेलवे पार्क में शहीद स्मारक पर जाकर पुष्प अर्पित किए। इस दौरान आप के खटीमा प्रभारी अनुज अग्रवाल, महामंत्री सुनील कांडपाल, अमन अरोड़ा, अजय अग्रवाल, अनिल गुप्ता, गिरीश जोशी, हरपाल, विजय गुप्ता, सुशील सक्सेना, संदीप भारती, विशाल भारती, विकास भारती, राजखान आदि मौजूद थे।
पुरानी तहसील परिसर पर ही बने शहीद स्मारक
खटीमा। सक्रिय राज्य आंदोलनकारी गोविंद चड्डा ने पुराने तहसील परिसर (शहीद स्थल) पर ही शहीद स्मारक बनाने का समर्थन किया। कहा कि उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी पहले से ही पुराने तहसील परिसर पर शहीद स्मारक बनाने की मांग करते आ रहे हैं, परिणामस्वरूप राज्य आंदोलनकारियों सहित शासन-प्रशासन सभी की सहमति भी बन चुकी है।

वर्तमान में एक सितंबर शहीद दिवस के आते-आते स्मारक निर्माण की मांग और जोर पकड़ने लगी है, इसलिए सभी राज्य आंदोलनकारियों को एकमत होकर शहीद स्थल (पुरानी तहसील) पर ही शहीद स्मारक के निर्माण के लिए सक्रिय रहना चाहिए। उन्होंने भी मंगलवार को शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस दौरान रमेश चंद्र कोठारी, नवीन चंद्र भट्ट, जानकी पांडे, कुशल कन्याल, हरीश मथेला, रीता जोशी, दिनेश भट्ट, दिगंबर कापड़ी, धाना भंडारी आदि मौजूद थे।

संस्कृति विभाग की शाखा खटीमा में खोलने की मांग
खटीमा। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर संस्कृति विभाग की शाखा खटीमा में खोलने सहित कई मांगें उठाई हैं।
विधायक पुष्कर सिंह धामी को सौंपे ज्ञापन में मंच की ओर से कहा गया है कि खटीमा में संस्कृति विभाग की शाखा खोलने पर खटीमा गोलीकांड के शहीदों, जेल गए, घायल हुए समेत अन्य सभी वरिष्ठ आंदोलनकारियों की अविस्मरणीय स्मृति आदि संरक्षित की जा सके। उन्होंने सक्रिय राज्य आंदोलनकारियों के आश्रितों को पेंशन के लिए शासनादेश जारी करने, दस प्रतिशत आरक्षण, समान पेंशन, पेंशन पट्टा आदि जारी करने की मांग की है।

शहीदों के माता-पिता ने विधायक को सुनाया दुखड़ा
खटीमा। खटीमा गोलीकांड में शहीद हुए परमजीत सिंह और सलीम के माता-पिता मंगलवार को श्रद्धांजलि सभा में पहुंचकर विधायक पुष्कर सिंह धामी से मिले। उन्होंने कहा कि घर के कमाऊ व्यक्ति की मौत होने से उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। आज भी वह जैसे-तैसे जीवन यापन कर रहे हैं। उनकी कोई सुध लेने वाला नहीं है। बोले कि अच्छा होता अगर उस दिन एक गोली उन्हें भी लग जाती। विधायक ने उन्हें जरूरी कार्रवाई का भरोसा दिलाया। इस दौरान सितारगंज एसडीएम मुक्ति मिश्रा भी मौजूद थीं।

