रुद्रपुर। डेरा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह के हत्यारोपियों को पनाह देने, हथियार उपलब्ध कराने और षडय़ंत्र में शामिल चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए आरोपियों में एक गुरुद्वारे का सेवादार भी शामिल है। बताया जा रहा है कि बाबा तरसेम की हत्या का 10 लाख रुपये में सौदा हुआ था।
नानकमत्ता पुलिस ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि मुख्य हत्यारोपी सर्वजीत और अमरजीत 19 मार्च से नानकमत्ता गुरुद्वारा साहिब में कमरा किराए पर लेकर बाबा तरसेम सिंह की दिनचर्या पर नजर रखे हुए थे। दोनों ने गुरुद्वारे के एक सेवादार अमनदीप सिंह उर्फ काला को लालच देकर उसकी मदद से घटना के दिन बाबा तरसेम सिंह की लोकेशन ज्ञात करते रहे। सही लोकेशन मिलने पर दोनों ने डेरे में घुसकर बाबा तरसेम सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी। हत्याकांड के बाद दोनों दिलबाग सिंह के शाहजहांपुर स्थित घर पहुंचे। जहां दोनों दिलबाग और उसके साथियों से पूर्व निर्धारित धनराशि में से पांच लाख रुपये की धनराशि प्राप्त की। दिलबाग ने दोनों हत्यारोपियों को भगाने में मदद की।
मालूम हो कि 28 मार्च को नानकमत्ता डेरे में घुसकर दो बाइक सवार बदमाशों ने बाबा तरसेम सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में पुलिस ने पांच लोगों को नामजद किया था। अब तक दिलबाग सिंह सहित बलकार सिंह पुत्र दर्शदा निवासी ग्राम बाधे कंजा करेली पीलीभीत, हरविंदर सिंह उर्फ पिंदी पुत्र मलकीत सिंह निवासी रणधीरपुर तिलहर शाहजहांपुर, सेवादार अमनदीप उर्फ काला पुत्र कुलदीप सिंह निवासी बरा जगत, अमरिया पीलीभीत को भी गिरफ्तार किया गया है।