vijay Gaur e1732194721401

नहीं रहे लेखक, कवि, संस्कृतिकर्मी विजय गौड़

खबर शेयर करें

देहरादून। लेखक, कवि, आलोचक और रंगकर्मी विजय गौड़ का निधन हो गया। बृहस्पतिवार सुबह लगभग 7 बजे उन्होंने देहरादून के मैक्स अस्पताल में अंतिम सांस ली। 56 वर्षीय विजय गौड़ के निधन से साहित्य एवं संस्कृति जगत में शोक व्याप्त है। उत्तराखंड आंदोलन में नुक्कड़ नाटकों के जरिए हिस्सा लेने वाले विजय गौड़ का जन्म 16 मई, 1968 को देहरादून में हुआ था। वह मूल रूप से चमोली जिले के निवासी थे। वह मौजूदा समय में रक्षा संस्थान के उत्पादन विभाग में कार्यरत थे। जीवट से भरे विजय गौड़ आजकल एक नाटक बर्फ की रिहर्सल भी कर रहे थे।

विजय गौड़ ने कविता कहानी के साथ कुछ उपन्यास भी लिखे। कुछ आलोचनात्मक लेखन भी उनके नाम है। उनके तीन कविता संग्रह सबसे ठीक नदी का रास्ता’, ‘मरम्मत से काम बनता नहीं’, ‘चयनित कविताएँ प्रकाशित हो चुके थे। इसी के साथ उनके तीन उपन्यास फाँस’, ‘भेटकी’ और ‘आलोकुठि’ हैं। इसके अलावा उनके दो कहानी-संग्रह ‘खिलंदड ठाट’ और पोंचू’ भी प्रकाशित हैं। बीते 18 अक्तूबर को ही उनकी बेटी पवि की शादी हुई थी। उनकी पत्नी पूर्ति गौड़ ने बताया कि इसी रविवार को अचानक उनका स्वास्थ्य बिगड़ा, जिसके बाद उन्हें पहले कनिष्क अस्पताल और बाद में मैक्स अस्पताल में भर्ती किया गया। जांच में पता चला कि उन्हें बड़ा हार्टअटैक पड़ा है। हालांकि मैक्स में पहले ही दिन स्टंट डाल दिया गया था पर उनकी हालत नहीं सुधरी और अंततः बृहस्पतिवार उन्होंने प्राण त्याग दिए। बृहस्पतिवार को ही हरिद्वार के खड़खड़ी घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर देहरादून के तमाम बुद्धिजीवी, साहित्यकार व रंगकर्मी और उनके चाहने वालों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

Follow us on Google News Follow us on WhatsApp Channel

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • Rating

Scroll to Top