By Anil Azad pandey, Beijing
अमेरिका में लंबे समय से जारी चुनावी गहमागहमी राष्ट्रपति ट्रंप की हार की साथ ही खत्म होने वाली है। डेमोट्रिक पार्टी के उम्मीदवार 77 वर्षीय जो बाइडेन को ट्रंप ने कई बार सबसे खराब कैंडिडेट बताया। लेकिन अब वही बाइडेन ट्रंप को पस्त कर अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति बनने वाले हैं। हालांकि ट्रंप हार मानने को तैयार नहीं हैं, उनके समर्थक कई राज्यों में कोर्ट पहुंच चुके हैं। वह चुनावों में गड़बड़ी का आरोप लगा रहे हैं।
इस सबके बीच जो बाइडेन व उनके सहयोगी बड़े शांत ढंग से जीत की दिशा में बढ़ रहे हैं। बाइडेन को 270 के जादुई आंकड़े तक पहुंचने में मिशिगन और विस्कॉन्सिन की जीत का बड़ा लाभ मिल सकता है। हालांकि ट्रंप ने वोटों की गिनती रुकवाने के लिए अदालत का रुख किया है। लेकिन जानकारों का कहना है कि राष्ट्रपति ट्रंप को इससे कोई फायदा नहीं होने वाला है, उनकी व्हाइट हाउस से विदाई लगभग तय है।
उधर बाइडेन व उप राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस ने नेशनल टीवी पर संक्षिप्त संबोधन में कहा कि वे अभी जीत की घोषणा नहीं कर रहे हैं। लेकिन उन्हें पूरा भरोसा है कि वोटों की गिनती खत्म होने पर जीत का सेहरा उनके ही सिर बंधेगा।
वहीं बड़बोले और अपने बयानों से लोगों को आश्चर्य में डालने वाले ट्रंप ने पहले ही अपनी जीत का दावा कर दिया था। इतना ही नहीं उन्होंने ऐलान किया कि वे चुनावी नतीज़ों को नहीं मानेंगे। क्योंकि चुनावों में बहुत धांधली हुई है, ऐसा ट्रंप ने आरोप लगाया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की धमकी भी दे डाली थी। उधर उनके समर्थक कुछ राज्यों में अदालत पहुंच भी चुके हैं। ट्रंप के आरोपों में कितनी सच्चाई है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा, पर इससे अमेरिका के चुनावी सिस्टम व छवि को धक्का जरूर लगा है।
यहां बता दें कि बाइडेन ने लगातार अपने इलेक्टोरल वोट्स में इजाफा करते हुए करीब 253 तक पहुंच चुके हैं। जबकि रिपब्लिकन व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अभी 213 से आगे नहीं बढ़ पाए हैं। मिशिगन और विस्कॉन्सिन जहां दोनों उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर थी, वहां बाइडेन में अच्छा प्रदर्शन करके दिखाया है। अब लगने लगा है कि बाइडेन के पास दुनिया के सबसे ताकतवर देश के राष्ट्रपति पद की कुर्सी हासिल करने के लिए कई रास्ते हैं। लेकिन ट्रंप के पास बेहद सीमित विकल्प ही बचे हैं।
गौरतलब है कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में जीत का गणित पापुलर यानी लोकप्रिय वोटों से नहीं, बल्कि हर स्टेट में इलेक्टोरल कॉलेज में बहुमत हासिल करने से हासिल होता है। अमेरिका में इन इलेक्टोरल कॉलेज की संख्या 538 होती है। बहुमत के लिए उम्मीदवार को 270 वोट प्राप्त करने जरूरी होते हैं।
लेखक चाइना मीडिया ग्रुप, बीजिंग में वरिष्ठ पत्रकार हैं।