Report ring Desk
नई दिल्ली। केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय दिल्ली के कुलपति प्रो श्रीनिवास वरखेड़ी ने हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में अपने विश्वविद्यालय की ओर से सभी देश वासियों को हार्दिक बधाई देते कहा कि भाषा अपने देश की अन्त: सांस्कृतिक स्रोत होती है। अत: भाषा तथा साहित्य अपने राष्ट्र का धरोहर होने के कारण वहां की पहचान भी होती है। यही कारण है कि हिन्दी अपने आम बोलचाल, फिल्म तथा फिल्मी गीतों और सोशल मीडिया के माध्यम से समग्र भारतवर्ष को जोड़ती है। इसलिए हिन्दी भाषा के विकास के लिए केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भी कटिबद्ध है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम तथा राष्ट्र निर्माण में भी हिंदी का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है।
उन्होंने कहा कि हिन्दी दिवस एक संकल्प दिवस है जिसका उद्देश्य अपने कार्यालय तथा दैनिक जीवन में हिन्दी को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष भी हिन्दी को और अधिक प्रोत्साहन देने के लिए हिन्दी कार्यशाला, हिन्दी टिप्पणीं तथा प्रारुप लेखन, राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक के साथ साथ स्वरचित कविता जैसी छह प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जा रहा है।
इन प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विजेताओं को क्रमश: 5000, 4000 तथा 3000 रुपए की राशि भी पुरस्कार स्वरूप दिया जाएगा ।इसके अलावा 3000 रुपए धन राशि के दो प्रोत्साहन पुरस्कार भी दिए जाएंगे। आज से 29 सितंबर चलने वाले इस हिन्दी पखवाड़े को अभिमुखी तथा आभासी दोनों माध्यमों से मनाने की तैयारी विश्वविद्यालय में चल रही है।

