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पढ़ाई के बोझ से परेशान चीनी छात्र, अब मिलेगी कुछ राहत!

चीन का एजुकेशन सिस्टम माना बहुत प्रतिस्पर्धी और चुनौती भरा माना जाता है। चीनी छात्र व उनके परिजन होमवर्क और एक्स्ट्रा क्लासेज़ से बहुत तनाव में रहते हैं। लेकिन अब चीन सरकार ने इस दिशा में नई गाइडलाइंस जारी की हैं, जिनका व्यापक असर देखने को मिल सकता है।

Report Ring News, Beijing

पड़ोसी देश चीन में भी भारत की ही तरह छात्रों के ऊपर पढ़ाई का भारी बोझ रहता है। चीन की प्रतिस्पर्धी शिक्षा व्यवस्था की दुनिया भर में चर्चा होती है। लेकिन इससे परिजन व बच्चे काफी तनाव में रहते हैं। पहले स्कूल में मेहनत से पढ़ना और फिर घर जाकर भारी होमवर्क चीनी छात्र-छात्राओं के लिए सिर-दर्द का विषय रहता है। चीन सरकार व शिक्षा विभाग एजुकेशन सिस्टम की इस चुनौती से पूरी तरह वाकिफ भी हैं। यही वजह है कि अब सरकार ने इस बारे में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ताकि आने वाले समय में बच्चों को इस बोझ से निजात मिल सके। नए निर्देशों के मुताबिक अगले तीन साल के भीतर प्राइमरी व मिडिल स्कूल के छात्रों के लिए होमवर्क और स्कूल के बाद ट्यूशन का बोझ कम किया जाएगा।

हाल में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति और स्टेट काउंसिल के जनरल ऑफिस द्वारा संयुक्त रूप से जारी दिशा-निर्देशों में इसका ऐलान किया गया है। इसमें यह भी स्पष्ट तौर पर कहा गया कि स्थानीय अधिकारी शैक्षणिक पाठ्यक्रम प्रशिक्षण के लिए किसी भी नए शिक्षण संस्थान को अपने स्तर पर मंजूरी नहीं दे पाएंगे।

ट्यूशन व होमवर्क संबंधी निर्देशों का पालन सबसे पहले राजधानी पेइचिंग, शांगहाई व क्वांगचो सहित नौ बड़े शहरों में करवाया जाएगा। उसके बाद धीरे-धीरे यह नियम पूरे देश भर के लिए जारी होगा।

दिशा-निर्देश कहते हैं कि विभिन्न शिक्षण संस्थान सप्ताहांत, राष्ट्रीय अवकाश के मौकों पर सर्दियों और गर्मियों की छुट्टियों में छात्रों को अतिरिक्त क्लास नहीं दे पाएंगे।

इतना ही नहीं, नए नियमों के मुताबिक, प्राइमरी और मिडिल स्कूलों को होमवर्क के भार और कठिनाई को कम करने के साथ ही ट्यूशन, खेल, कला, पढ़ने आदि गतिविधियों को भी कम करने पर ध्यान देना होगा।

गौरतलब है कि चीन में लाखों की संख्या में प्राइमरी और मिडिल स्कूल हैं, जहां छात्र पढ़ने के लिए जाते हैं। अगर ये नए नियम सही ढंग से लागू हो पाते हैं तो यह चीन की शिक्षा व्यवस्था को लचीला बनाने की दिशा में एक अहम कदम होगा। साथ ही इससे बच्चों व उनके अभिभावकों को भी बड़ी राहत मिलेगी, जिसका सीधा असर उनकी रोजमर्रा की ज़िंदगी में देखने को मिलेगा।

साभार-चाइना मीडिया ग्रुप

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