ma varahi temple devidhura

बग्वाल के अलावा मां बाराही देवी के कई रहस्य

खबर शेयर करें

By Rohit Pandey  देवीधुरा की ख्याति भले ही बग्वाल मेले के लिए हो, लेकिन मां बाराही के मंदिर में ताम्र पेटी में रखी मां बाराही की मूर्ति अपने आप में कई रहस्य समेटे हुए है। कहते हैं कि अभी तक कोई भी श्रद्धालु मां की मूर्ति को खुली आंखों से नहीं देख पाया हैै।

जिस भी श्रद्धालु ने इसे देखने की कोशिश की उसकी आंखों की रोशनी चली गई। यही वजह है कि ताम्र पेटी में रखी इस मूर्ति को नहीं देखने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। देवीधुरा स्थित मां बाराही के मंदिर को 52 पीठों में से एक माना जाता है। मुख्य मंदिर में तांबे की मां बारही की मूर्ति है।

maxresdefault

हर साल भाद्रपद कृष्ण प्रतिपदा में ताम्र पेटिका को मुख्य मंदिर से नंद घर में लाया जाता है, जहां आंखों में पट्टी बांधकर मां का स्नान कर श्रृंगार किया जाता है। मां का मुख्य मंदिर भी गुफा के अंदर है। इस गुफा में प्रवेश करने पर विशेष अनुभूति होती है।
देवीधुरा में भीम शीला पत्थर भी हैं। इनको बग्वाल युद्ध से जोड़कर देखा जाता है।

मान्यता है कि चम्याल खाम के एक बुजुर्ग की तपस्या से प्रसन्न होने के बाद नर बलि बंद हो गई और बग्वाल की परम्परा शुरू हुई। इस बग्वाल में चार खाम चम्याल, वालिक, गहरवाला और लमगड़िया के रणबांकुरे बिना जान की परवाह किये एक इंसान के रक्त निकलने तक युद्ध लड़ते हैं। भले ही तीन साल से बग्वाल फल-फूलों से खेली जा रही हो लेकिन उसके वावजूद योद्धा घायल होते हैं और उनके शरीर से रक्त भी निकलता दिखता है।

Follow us on Google News Follow us on WhatsApp Channel

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • Rating

Scroll to Top