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ट्रंप के टैरिफ वार से चीन, कनाडा जैसे देश परेशान, अमेरिका की हो रही कड़ी आलोचना

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Anil Azad Pandey, Beijing

सत्ता हासिल करते ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक के बाद कार्यकारी अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर रहे हैं। ट्रंप के फैसलों से पूरी दुनिया हलकान है। खासकर ट्रंप ने चीन, मैक्सिको, कनाडा और भारत जैसे देशों को निशाने पर लिया है। ट्रंप के इन फैसलों से संबंधित देशों में नाराजगी पैदा हो गयी है। क्योंकि दूसरी बार राष्ट्रपति बने ट्रंप अमेरिका फर्स्ट की नीति पर चल रहे हैं और इसके लिए अन्य देशों को कतई नहीं बख्श रहे हैं। ट्रंप का हर किसी देश के लिए कुछ न कुछ प्लान है। जहां उन्होंने चीन, कनाडा और मैक्सिको से आयातित वस्तुओं पर टैरिफ लगाने का फरमान जारी किया है। वहीं अपने मित्र देश भारत को अवैध अप्रवासियों के मामले पर घेरते हुए 104 अवैध प्रवासियों को भारत भेज दिया है।

गौरतलब है कि अमेरिका सरकार ने विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन से आयातित सभी उत्पादों पर 10 फीसदी टैरिफ लगा दिया है। चीन सरकार ने अमेरिका के इस कदम की कड़ी आलोचना की है। जाहिर है कि चीन भी चुप नहीं बैठने था, जल्द ही उसने भी अमेरिका के खिलाफ जवाबी कदम उठा दिया है। चीन के साथ ही अमेरिका ने अपने पड़ोसी देशों कनाडा और मैक्सिको को भी नहीं छोड़ा है। ट्रंप ने 1 फरवरी को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए। जिसमें कनाडा और मैक्सिको से आयातित वस्तुओं पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने का फैसला किया गया। इसके तुरंत बाद मैक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शेनबोम ने ऐलान किया है कि उनका देश जवाबी कार्रवाई करेगा। उन्होंने अपनी अर्थव्यवस्था मंत्री को इस बारे में निर्देश देकर मैक्सिको को निर्यात होने वाले अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ लगाने संबंधी योजना को फिर से शुरु करने को कहा है। इससे पहले ट्रंप ने मैक्सिको के अवैध अप्रवासियों के मुद्दे को अपना चुनावी हथियार भी बनाया था। राष्ट्रपति बनते ही उन्होंने अवैध रूप से अमेरिका की धरती पर रह रहे मैक्सिकन नागरिकों को वापस भेजने का ऐलान किया।

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हालांकि अब ट्रंप ने मैक्सिको और कनाडा के मुद्दे को एक महीने के लिए स्थगित कर दिया है।

उधर कनाडा ने अमेरिका के खिलाफ जवाबी कदम उठाने की घोषणा कर दी है। कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडो ने कहा है कि कनाडा 1.55 खरब कनाडाई डॉलर के अमेरिकी उत्पादों पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाएगा। इनमें 30 अरब कनाडाई डॉलर के उत्पादों पर टैरिफ संबंधी उपाय 4 फरवरी से प्रभावी होंगे। जबकि 1.25 खरब कनाडाई डॉलर की वस्तुओं पर टैरिफ 21 दिन के भीतर लागू होगा।

उधर चीन के खिलाफ ट्रंप काफी सख्त दिख रहे हैं। हालांकि अमेरिका के रुख का चीन भी कड़ा जवाब दे रहा है। चीन ने इसे व्यापार संरक्षणवाद करार दिया है। चीनी विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के ताज़ा फैसले की आलोचना की है। उसके मुताबिक चीन व्यापार और टैरिफ युद्ध में कोई विजेता नहीं होता। चीन अपने देश और अपने नागरिकों के हितों की रक्षा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। चीनी वाणिज्य मंत्रालय की ओर से भी इस पर कड़ी प्रतिक्रिया आयी है। उसने कहा है कि चीन का रुख इस मुद्दे हमेशा से स्थिर और स्पष्ट रहा है। अमेरिका जो टैरिफ लगा रहा है, उससे न केवल अमेरिका और चीन को नुकसान होगा, बल्कि पूरी दुनिया पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। साथ ही कहा है कि अमेरिका द्वारा टैरिफ लगाना विश्व व्यापार संगठन के नियमों का उल्लंघन है। अमेरिका के जबरदस्ती के उपायो के खिलाफ चीन डब्लूटीओ में मुकदमा दायर करेगा।

चीनी विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप और अमेरिका सरकार उसे रोकने की कितनी भी कोशिश क्यों न कर ले, चीन के विकास का पहिया नहीं थमेगा। हाल में ही चीन के सरकारी टीवी ने एक सर्वे किया, उसमें शामिल अधिकतर उत्तरदाताओं ने अमेरिका के कदम को गलत ठहराया है। उनका कहना है कि अमेरिका जिस तरह दूसरे देशों पर व्यापार प्रतिबंध लगा रहा है, उससे खुद उसे नुकसान होगा। अमेरिका व पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था की हालत खराब होगी।

उधर भारत के प्रति ट्रंप का रवैया कड़ा है, वे अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे अप्रवासी भारतीयों को वापस भेजने लगे हैं। भारत सरकार को न चाहकर भी इन अप्रवासियों को भारत में स्वीकार करना पड़ा है। इससे पहले भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस बारे में बयान जारी कर कहा था कि अगर अवैध अप्रवासियों की राष्ट्रीयता की पहचान हो जाती है तो भारत उन्हें वापस ले लेगा।

बता दें कि अमेरिका में मैक्सिको और अल साल्वाडोर के बाद सबसे अधिक अवैध अप्रवासी भारत से हैं।

(लेखक चीन में पिछले 15 वर्षों से कार्यरत वरिष्ठ पत्रकार हैं।)

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