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कोरोना महामारी को हल्के में न लिया जाय-डब्ल्यूएचओ की चेतावनी

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दुनिया में कोरोना वायरस महामारी का कहर जारी है। अब तक यह जानलेवा महामारी 6 करोड़ से अधिक लोगों को संक्रमित कर चुकी है, जबकि 10 लाख से ज्यादा की मौत हुई है। हर रोज़ संक्रमितों की संख्या में इजाफ़ा हो रहा है, मरने वालों की तादाद भी बढ़ रही है। अमेरिकी महाद्वीप महामारी से सबसे अधिक प्रभावित है। वहीं यूरोप में महामारी की दूसरी लहर कहर ढा रही है। हालांकि कुछ देश ऐसे भी हैं जहां वायरस का प्रकोप कम हो रहा है। इसकी वजह से वहां की सरकारें थोड़ा राहत महसूस करते हुए सख्त कदमों में ढील दे रही हैं। पर विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ को लगता है कि अभी भी वायरस का खतरा टला नहीं है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक अधिकारी ने चेतावनी भरे स्वर में कहा है कि कोविड-19 महामारी के संक्रमण में कमी आने वाले देश बिल्कुल भी लापरवाही न बरतें। जहां संक्रमण के कम मामले सामने आ रहे हैं, उन्हें अभी भी सतर्क रहने की आवश्यकता है।

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डब्ल्यूएचओ का कहना है कि खतरा अब भी टला नहीं है। कुछ देशों में जैसे-जैसे संक्रमण में कमी आ रही है, वैसे-वैसे ज्यादा सतर्कता बरतने की जरूरत है। जब तक कि वैक्सीन तैयार न हो जाय।  डब्ल्यूएचओ की आपात स्वास्थ्य कार्यक्रम की प्रमुख मारिया वान केरखोवे ने वायरस के खिलाफ लड़ाई जारी रखने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि अभी भी विश्व के कई देश महामारी से जूझ रहे हैं। कुछ देशों में दूसरी लहर भी लोगों को परेशान कर रही है। ऐसे में हमें बिल्कुल भी ढिलाई नहीं बरतनी चाहिए।

वहीं अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, दुनिया भर में कोविड-19 महामारी से संक्रमित लोगों की संख्या 6 करोड़ 10 लाख को पार कर चुकी है। जबकि 10 लाख से अधिक लोगों की जान यह वायरस ले चुका है। वायरस से सबसे अधिक प्रभावित अमेरिका में अब तक कुल 1 करोड़ 30 लाख नागरिक वायरस से संक्रमित हुए हैं।

इस बीच चीन सहित कई देश वैक्सीन तैयार करने की मुहिम में जुटे हैं। माना जा रहा है कि अगले कुछ महीनों में वैक्सीन बाज़ार में आ सकती है। वैक्सीन उपलब्ध होने के बाद उसे जरूरतमंद देशों और लोगों तक पहुंचाना एक चुनौती होगा। हालांकि चीन ने घोषणा की है कि उसके द्वारा उत्पादित वैक्सीन को सबसे पहले उन देशों को दिया जाएगा, जिनकी स्थिति अच्छी नहीं है। ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिए कि अन्य वैक्सीन निर्माता देश भी इस तरह की मुहिम चलाएंगे।

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