By GD Pandey, Delhi
14 सितंबर 1949, हिंदी दिवस,
भारत सरकार राजभाषा घोषणा दिवस ,
हिंदी भाषा को राजभाषा का,
दर्जा मिलने का औपचारिक दिवस.
सरकारी कामकाज की भाषा,
केंद्रीय सरकार के कार्यालयों की पहली भाषा,
हिंदुस्तान की जंग भाषा,
बहुतायत जनसमुदाय की मातृभाषा,
मां भारती की सहज संवाद की भाषा,
दर्जा मिले या ना मिले,
हिंदी ही है व्यावहारिक राष्ट्रभाषा.
देवनागरी लिपि है हिंदी की,
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है हिंदी की,
11 स्वर और 41 व्यंजनों से मिलकर, 52 वर्णों की वर्णमाला है हिंदी की,
सुसंगत, सुदृढ़ और समृद्धशाली है,
भाषा व्याकरण हिंदी की.
प्रकृति के सौंदर्य का वर्णन हो,
सामाजिक सरोकारों का संबोधन हो,
राष्ट्रभक्ति और वीर रस की कविता हो, चाहे प्रगतिशील और क्रांतिकारी साहित्य हो,
सुमित्रानंदन पंत, भारतेंदु हरिश्चंद्र, मैथिलीशरण गुप्त, रामधारी सिंह दिनकर, मुंशी प्रेमचंद, सब्यसाची ने क्रमशः बखूबी की है विकासयात्रा हिंदी की.
भारत भूमि के कण-कण में,
बसेरा करती हिंदी तृण तृण में
खेत खलिहान और उद्यानों में,
रमी है हिंदी चाय बागानों में,
खानपान सपने भी हिंदी में,
सोचना समझना भी हिंदी में,
अंग्रेजों भारत छोड़ो नारा था हिंदी में, स्वतंत्रता मेरा जन्मसिद्ध अधिकार हिंदी में,
कंप्यूटर और गूगल भी समझते हैं हिंदी में,
कौन सा ऐसा काम है, जो ना हो सकता हो हिंदी में?
हिंदी दिवस की शुभकामनाएं हिंदी में.