By GD Pandey, New Delhi
कोविड-19 महामारी का एहसास
आने वाली पीढ़ियां जबअवलोकन करेंगी आपदाओं का इतिहास,
अद्भुत अनूठा होगा उनके लिए इस महामारी का एहसास।
कोविड- 19 ने मचाया कोहराम देशदुनिया में,
चरमरा गई स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था देशदुनिया में।
भारत भूमि में ऐसी अभूतपूर्व थी यह महामारी,
दिलों को दहला दिया इसने हिल गई जनता सारी।
हाहाकार मचा देश में सारी व्यवस्था हुई निष्फल,
समुचित हेल्थ केयर सिस्टम में सरकार हुई विफल।
वर्ष 2021 के अप्रैल और मई के महीने,
एकमुश्त खा गए लाखों की तरुणाई के तराने।
हजारों हजार बच्चे हुए अनाथ और बुजुर्ग हुए बेसहारा,
बेमौत मारे गए नौजवान ऑक्सीजन का ना मिला सहारा।
राजनीतिकनेता मस्त और व्यस्त रहे धार्मिक आयोजनों और चुनावों में,
कोविड-19 प्रोटोकॉल की उड़ी धज्जियां कुंभ और चुनावी जनसभाओं में।
ऐसी गैर जरूरी जनसभाएं और जुलूस जरूरी नहीं जनसेवक के लिए,
महामारी काल में जन विरोधी कार्य जानलेवा है जनमानस के लिए।
आने वाली पीढ़ियां जब अवलोकन करेंगी आपदाओं का इतिहास,
अद्भुत अनूठा होगा उनके लिए इस महामारी का एहसास।