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हल्द्वानी। कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गयी है। यह कदम भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर ) के नए दिशा निर्देश के बाद उठाया गया है। अब शहर के सरकारी व निजी अस्पतालों ने प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल रोक दिया है।
डा. सुशीला तिवारी कोविड अस्पताल में ही 500 और शहर के निजी अस्पतालों में भी 400 से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती हैं। इनमें रोजाना 15 से 20 मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी से इलाज की सलाह दी जा रही थी। प्लाज्मा के लिए परिजनों को कई बार इधर उधर भटकना पड़ रहा था। प्लाज्मा डोनेशन के लिए शहर के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया में ग्रुप भी बनाए हैं। जिसकी वजह से लोग प्लाज्मा डोनेट कर एक-दूसरे की मदद कर रहे थे।

जिला प्रशासन ने भी इसके लिए पूरा सिस्टम ही तैयार किया था। लोग पोर्टल पर खुद ही पंजीकरण कर अपना ब्लड ग्रुप अपडेट करने लगे थे, लेकिन जैसे ही 17 मई को आइसीएमआर ने कोरोना के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी को हटाने के दिशा निर्देश जारी किए। इसके बाद से ही अधिकांश अस्पतालों ने प्लाज्मा थेरेपी से इलाज की प्रक्रिया पूरी तरह बंद कर दी है।

