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जीवन प्रमाण पत्र बनाने के लिए नहीं जाना पड़ेगा कोषागार, घर बैठे जनरेट कर सकेंगे डिजिटल प्रमाणपत्र

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Report ring Desk

देहरादून। प्रदेश के पेंशनरों व पारिवारिक पेंशनरों को अब जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए कोषागारों की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। अब वे घर बैठे ऑनलाइन डिजिटल प्रमाणपत्र जनरेट कर सकेंगे और यह प्रमाण पत्र स्वत: ही एकीकृत वित्त प्रबंधन प्रणाली (आईएफएमएस) के माध्यम से कोषागार पहुंच जाएगा। इससे प्रदेश के करीब सवा लाख पेंशनरों को सुविधा मिलेगी।

अपर मुख्य सचिव आनंद बद्र्धन ने इस नई व्यवस्था को लागू करने के संबंध में अधिकारियों को पत्र जारी कर दिया है। जीवन प्रमाणपत्र की चालू व्यवस्था के साथ-साथ विकल्प के रूप ई-जीवन प्रमाणपत्र की व्यवस्था भी लागू की गई है। यूआईडीएआई द्वारा तैयार आधार फेस आरडी एप्लीकेशन में चेहरे के सत्यापन के माध्यम से डिजिटल प्रमाणपत्र जमा होगा। जो पेंशनर एप्लीकेशन के माध्यम से जीवन प्रमाणपत्र जनरेट करेंगे, उन पर कोषागार में उपस्थित होने की अनिवार्यता नहीं होगी। जीवन प्रमाणपत्र जमा होने के बाद एसएफटीपी सर्वर के माध्यम से आईएफएमएस सर्वर को उपलब्ध हो जाएगा। उपलब्ध डाटा के आधार पर वित्तीय डाटा सेंटर से कोषागार स्तर पर एक एमआईएस रिपोर्ट होगी। एमआईएस रिपोर्ट के आधार पर पेंशनरों के प्रमाणपत्र स्वीकृत या अस्वीकृत होंगे, जिसकी सूचना एसएमएस के माध्य पेंशनर को मिल जाएगी।

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