नई दिल्ली। केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय दिल्ली के कुलपति प्रो श्रीनिवास वरखेड़ी ने विश्व साईकिल दिवस पर सभी को बधाई देते हुए कहा कि स्वस्थ जीवन, संतुलित एवं प्रदूषण रहित पर्यावरण तथा मितव्ययिता को बढ़ावा देने में साईकिल चलाना बहुत ही लाभदायक है। देश के श्रमिक समाज के दैनिक जीवन में इसे विशेष आर्थिक बचत के कारण जीवन रेखा माना जाता है। जीवन में अच्छे स्वास्थ्य, मनोरंजन तथा लघु दूरी की यात्रा के सरोकारों में साईकिल की सवारी की भूमिका आज और अधिक महत्त्वपूर्ण हो जाती है। यह बात अलग है कि अब इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग पर लोगों का ध्यान जा रहा है। लेकिन यह साईकिल का विकल्प नहीं माना जा सकता है। स्वस्थ जीवन के लिए चिकित्सकों का भी मानना है कि प्रतिदिन कुछ न कुछ व्यायाम जरूर किए जाने चाहिए। यह कार्य साईकिल चला कर भी किया जा सकता है ।
कुलपति प्रो वरखेड़ी ने कहा कि अपने देश में दुनिया का सबसे अधिक युवा निवास करते हैं जिनकी तकनीकी तथा चिकित्सीय बौद्धिकता का डंका पूरे दुनिया में बज रहा है। यदि वे अपने अध्ययन अध्यापन के साथ नियमित रुप से अपने कुछ न कुछ कार्यों के लिए साईकिल का प्रयोग करेंगे तो उनका स्वास्थ्य तो अच्छा होगा ही साथ ही प्रदूषण रहित जन जीवन तथा पर्यावरण संतुलन में भी उनका योगदान होगा। साईकिल के प्रयोग करने की दृष्टि से भारत विश्व में दूसरे नंबर पर है, यदि भारतीय युवा वर्ग ऐसा करता है तो भारत चीन को मात देकर पहले स्थान पर भी आ सकता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में वर्ष 1918 में इसे विश्व दिवस के रूप में मनाने की जो घोषणा की थी उस महत्त्वपूर्ण दिवस को और अधिक प्रोत्साहन में भारत विश्व स्तर पर यश का पात्र हो सकता है।