नयी दिल्ली। आल इण्डिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस के महासचिव डॉ. सैयद अहमद खान ने नीट परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि जिन छात्रों को कम अंक मिले हैं, उन्हें निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि उनका भविष्य यूनानी चिकित्सा में भी उज्ज्वल है और अब एलोपैथी की तरह यूनानी चिकित्सा में भी सभी विशेषाधिकार मिले हैं।
सरकारी नौकरी के साथ-साथ एलोपैथी जैसा लाभ यूनानी चिकित्सा में भी मिलता है। सरकारी यूनानी मेडिकल कॉलेजों के अलावा निजी मेडिकल कॉलेजों में भी दाखिले के अवसर हैं। डॉ. सैयद अहमद खान ने कहा कि आयुष मंत्रालय की स्थापना से यूनानी चिकित्सा पद्धति को न केवल राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिली है बल्कि उज्ज्वल भविष्य की गारंटी भी मिली है। उन्होंने बताया कि बीयूएमएस में उत्तीर्ण होने के बाद एमडी, एमएस, पीएचडी और विभिन्न पाठ्यक्रमों में विशेषज्ञता का डिप्लोमा और आईएएस व पीसीएस आदि में प्रवेश के बाद भविष्य को उज्जवल बनाया जा सकता है।