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नई दिल्ली। 1 अप्रैल 2021 से ग्रेच्युटी, पीएफ और काम के घंटों में बड़ा बदलाव हो सकता है। ग्रेच्युटी और भविष्य निधि पीएफ मद में बढ़ोतरी की जा सकती है। हर महीने हाथ में आने वाली सैलरी में कटौती की जाएगी। पिछले साल संसद में पास किए गए तीन मजदूरी संहिता विधेयक (कोड ऑन वेजेज बिल) के इस साल 1 अप्रैल से लागू होने की संभावना है।
सैलरी में होंगे ये बदलाव
मजदूरी की नई परिभाषा के तहत भत्ते कुल सैलेरी के अधिकतम 50 फीसदी होंगे। इसका मतलब है कि मूल वेतन सरकारी नौकरियों में मूल वेतन और महंगाई भत्ता, अप्रैल से कुल वेतन का 50 फीसदी या अधिक होना चाहिए।
वेतन घटेगा लेकिन पीएफ बढ़ेगा
मूल वेतन कुल वेतन का 50 या अधिक होना चाहिए। इससे ज्यादातर कर्मचारियों की वेतन संरचना बदलेगी, क्योंकि वेतन का गैर.भत्ते वाला हिस्सा आमतौर पर कुल सैलेरी के 50 फीसदी से कम होता है। वहीं कुल वेतन में भत्तों का हिस्सा और भी अधिक हो जाता है। मूल वेतन बढ़ने से आपका पीएफ भी बढ़ेगा। पीएफ मूल वेतन पर आधारित होता है। मूल वेतन बढ़ने से पीएफ बढ़ेगा, हाथ में आने वाला वेतन में कटौती होगी।
रिटायरमेंट की राशि बढ़ेगी
ग्रेच्युटी और पीएफ में योगदान बढ़ने से रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली राशि में इजाफा होगा। इससे लोगों को रिटायरमेंट के बाद सुखद जीवन जीने में आसानी होगी।
काम के 12 घंटे करने का प्रस्ताव
नए ड्राफ्ट कानून में कामकाज के अधिकतम घंटों को बढ़ाकर 12 करने का प्रस्ताव पेश किया है। ओएसच कोड के ड्राफ्ट नियमों में 15 से 30 मिनट के बीच के अतिरिक्त कामकाज को भी 30 मिनट गिनकर ओवरटाइम में शामिल करने का प्रावधान है। मौजूदा नियम में 30 मिनट से कम समय को ओवरटाइम योग्य नहीं माना जाता है।