देहरादून। उत्तरकाशी के पुरोला विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक राजेश जुवान्ठा के निधन की खबर से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। देहरादून के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे और देहरादून के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। चिकित्सकों के तमाम प्रयासों के बावजूद उन्हें नहीं बचाया जा सका। उनके निधन की खबर मिलते ही पुरोला सहित पूरे उत्तरकाशी जनपद में शोक की लहर दौड़ गई।
राजेश जुवान्ठा स्वर्गीय बर्फियालाल जुवान्ठा के सुपुत्र थे, जो उत्तराखंड में पर्वतीय विकास मंत्री रह चुके थे। वर्ष 2007 में उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में पुरोला (आरक्षित) सीट से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल कर वे राज्य के सबसे कम उम्र के विधायक बने थे। उस समय उनकी युवा ऊर्जा और जनसेवा के प्रति समर्पण ने पूरे क्षेत्र में नई उम्मीद जगाई थी। उन्होंने पर्वतीय विकास, स्थानीय मुद्दों और जनता की समस्याओं के समाधान में महत्वपूर्ण योगदान दिया। बाद में राजनीतिक परिस्थितियों में उन्होंने भाजपा का दामन थामा। उनके निधन पर राजनीतिक दलों के नेताओं, समर्थकों और क्षेत्रवासियों ने गहरा दुख व्यक्त किया है।







Leave a Comment