नई दिल्ली। केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय दिल्ली के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में सीएसयू के सेवानिवृत्त कर्मचारियों तथा अधिकारियों ने कुलपति प्रो श्रीनिवास वरखेड़ी की अध्यक्षता में एक सम्मेलन का आयोजन किया। कुलपति प्रो वरखेड़ी ने सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों तथा अधिकारियों को अंगवस्त्र तथा सीएसयू से प्रकाशित पुस्तक से सम्मानित किया।
इस मौके पर कुलपति प्रो वरखेड़ी ने कहा कि हमारे पूर्व के अधिकारियों तथा कर्मचारियों ने इस संस्था का मिल कर जो बीजारोपण किया था वह आज एक लब्धप्रतिष्ठ केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के रुप में विकासमान है।
पूर्व परीक्षा नियन्त्रक डा. गोपीरमण मिश्र ने कहा कि इसकी विकास यात्रा बहुत ही लम्बी रही है। दिल्ली सरकार में पहले संस्कृत शिक्षक को एसिस्टेंट का ग्रेड मिलता था। लेकिन दिल्ली के तत्कालीन लेफ्टिनेंट गवर्नर आदित्य नाथ झा के समय यह संस्कृत संस्थान तथा अन्य आनुषांगिक संस्कृत संस्थाओं के पहल से संस्कृत शिक्षकों को टीजीटी ग्रेड मिलना आरंभ हुआ। पूर्व उप निदेशक सी के कनियाल ने कहा कि यदि इसके निदेशक के रूप में प्रो रामकरण शर्मा तथा मन्त्रालय के अधिकारी स्वामीनाथन नहीं होते तो 15 अक्टूबर 1970 में इसकी स्थापना संभव नहीं था।


