Report Ring Desk
हल्द्वानी। सुशीला तिवारी अस्पताल में उपनल कर्मियों की हड़ताल का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। मरीजों को स्ट्रेचर पर ले जाने वाला कोई नहीं है और परिजन या तीमारदार उनको गोद में उठाकर ले जा रहे हैं। मरीजों की परेशानी को एसटीएच और राजकीय मेडिकल कॉलेज प्रबंधन मूक दर्शक बनकर देख रहा है।
उपनल कर्मियों की हड़ताल के चलते एसटीएच की ओपीडी घटकर आधी हो गई है। साथ ही ओपीडी में आने वाले मरीजों की हर तरह की जांचें बंद हो गई हैं। मरीज घंटों स्ट्रेचर और व्हील चेयर पर पड़े रहते हैं मगर उनको डॉक्टर के कक्ष या इमरजेंसी तक ले जाने वाला कोई नहीं है। बृहस्पतिवार को एसटीएच की ओपीडी के बाहर एक मरीज दौरा पड़ने से गिर गया था।
रुद्रपुर का मरीज वेदराम कुर्सी पर बैठ भी नहीं पा रहा था। वेदराम की पत्नी और बच्चे रो रहे थे। कुछ देर बाद एक नर्स ने मानवता का परिचय देते हुए व्हील चेयर मंगवाई और उसे व्हील चेयर पर ले जाकर इमरजेंसी में भर्ती कराया। कार्यवाहक सिटी मजिस्ट्रेट और एसडीएम लालकुआं ऋचा सिंह ने एक कंपनी से 15 पर्यावरण मित्र एसटीएच को साफ सफाई के लिए दिलाए थे। सभी ने बृहस्पतिवार को सफाई की।
दूसरी ओर सोबन सिंह जीना बेस अस्पताल की ओपीडी में बृहस्पतिवार को 822 मरीज पहुंचे। साथ ही निजी अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या बढ़ रही है और वह चांदी काट रहे हैं। निजी पैथालॉजीए डायग्नोस्टिक सेंटर के साथ ही निजी अस्पतालों में भी जांचें काफी बढ़ गई हैं। बेस में जांचें महंगी होने के कारण मरीज निजी अस्पतालों और निजी पैथालॉजी एवं डायग्नोस्टिक सेंटर में जांचें करा रहे हैं।