पिछले कुछ समय से विवादों से घिरी हार्वर्ड विश्वविद्यालय की अध्यक्ष क्लॉडाइन गे ने इस्तीफा दे दिया है। 53 वर्षीय गे जिन पर साहित्यिक चोरी के आरोप लगे थे। साथ ही उन्हें यहूदी विरोधी गतिविधियों से सही ढंग से निपटने में विफल रहने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया। वह इस हाइप्रोफाइल पोस्ट पर कुछ ही महीने तक काबिज रह पायीं। क्योंकि लगातार उनके खिलाफ आरोप लग रहे थे। जिनसे बाहर निकलने में वह असफल रहीं। एक ओर जहां इजराइल-हमास युद्ध में उनके विचारों और तरीकों को बहुत से लोगों ने पसंद नहीं किया। वहीं अपने शोध व अध्ययन के लिए उन्होंने विभिन्न स्रोतों की गलत जानकारी दी। उधर पिछले महीने एमआईटी और पेन्सिलवेनिया यूनिवर्सिटी के प्रमुखों के साथ कांग्रेस में गवाही के दौरान वह सफाई पेश नहीं कर पायीं।
उन्होंने यह कहने से स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया था कि यहूदियों के नरसंहार का आह्वान करना हार्वर्ड की आचार संहिता का उल्लंघन है या नहीं। इस सबके बीच उन्होंने अपना इस्तीफा देना उचित समझा। अपने इस्तीफे में उन्होंने कहा कि उन्हें व्यक्तिगत धमकी और नस्लीय दुश्मनी का शिकार होना पड़ा। हालांकि कांग्रेस में गवाही के बाद शुरुआत में यूनिवर्सिटी की गर्वनिंग काउंसिल हार्वर्ड कॉर्पोरेशन ने उनका समर्थन किया था। दरअसल वह अध्यक्ष के रूप में वह विवाद का केंद्र बन गयी थीं। दो डेमोक्रेट्स सहित 70 से अधिक सांसदों ने उनके इस्तीफे की मांग की थी। जबकि हार्वर्ड के पूर्व छात्र और दानदाताओं ने भी उनसे अपना पद छोड़ने को कहा। हालांकि हार्वर्ड के 700 फैकल्टी मेंबर्स ने उनके समर्थन में एक पत्र पर हस्ताक्षर किए थे, ऐसा लगा कि शायद वे बच जाएंगी। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। वह दबाव के सामने झुक गयीं और अध्यक्ष पद छोड़ दिया। गौरतलब है कि क्लॉडाइन ने पिछले साल जुलाई में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली थी। लेकिन इस्तीफा देने के साथ ही वह हार्वर्ड के इतिहास में सबसे कम समय तक रहने वाली अध्यक्ष बन गयी हैं। W