यूथ

जानिए वीरता पुरस्कार पाने वाले बहादुर बच्चों की कहानी

Report ring desk

नई दिल्ली। बहादुरी के लिए सम्मानित बच्चों में बिहार के दरभंगा की 15 वर्षीय ज्योति भी शामिल है। कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन में ज्‍योति गुरुग्राम में थी। उसके पिता बीमार थे। ज्योति बीमार पिता को साइकिल में पीछे बैठाकर गुरुग्राम से दरभंगा पहुंची थी। ज्‍योति लगातार सात दिन तक साइकल चलाती रहीं। उसने 1200 किलोमीटर का यह सफर किया था।

उत्‍तर प्रदेश के बाराबंकी में रहने वाले कुंवर दिव्‍यांश सिंह की उम्र महज 13 साल है। वह एक दिन स्‍कूल से वापस लौट रहे थे। साथ में उनकी छोटी बहन और कुछ बच्‍चे और थे। एक सांड ने उन पर हमला कर दिया। छोटी बहन को फंसा देख दिव्‍यांश ने अपने बैग को हथियार बनाया और सांड से भिड़ गए। आखिर में वह सांड को वहां से भगाने में कामयाब रहे।
महाराष्‍ट्र कामेश्वर जगन्नाथ वाघमारे ने बच्चों को डूबने से बचाया था। एक दिन कंधार तालुका में घोडा गांव के पास बहने वाली नदी में तीन बच्‍चे नहा रहे थे। बहाव में फंसकर तीनों डूबने लगे। कामेश्वर उधर से गुजर रहे थे। उन्‍होंने जैसे ही बच्‍चों को डूबते देखा और नदी में छलांग लगा दी। दो बच्‍चों को बचाने में वह कामयाब रहे मगर तीसरे ने दम तोड़ दिया।

इस साल राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार प्राप्त करने वाले बच्चे राजपथ पर नहीं दिखेंगे

कोरोना संक्रमण के कारण इस साल राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार प्राप्त करने वाले बच्चे राजपथ पर नहीं दिखेंगे। 1957 से लगातार यह सिलसिला चल रहा था। सरकार असाधारण योग्यता और उत्कृष्ट उपलब्धियों वाले बच्चों को यह पुरस्कार प्रदान करती है। इस बार ‘बाल शक्ति पुरस्कार’ की विभिन्न श्रेणियों के तहत देशभर के 32 बच्चों को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2021 दिया गया है।

इसमें कला और संस्कृति के क्षेत्र में 7 पुरस्कार दिए गए हैं। नौ पुरस्कार इनोवेशन के लिए, पांच शैक्षिक उपलब्धियों के लिए, सात बच्चों को स्पोर्ट्स कैटेगरी, तीन बच्चों को बहादुरी के लिए और एक बच्चे को समाज सेवा के क्षेत्र में सम्मानित किया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेताओं के साथ बातचीत की। पीएम मोदी ने बाल पुरस्कार विजेता सभी बच्चों को बधाई देते हुए कहा कि ‘आपकी तरह मैं भी आपसे मिलने का इंतजार कर रहा था, लेकिन कोरोना की वजह से हमारी वर्चुअल मुलाकात हो रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *