देहरादून । पर्यावरणविद सुंदर लाल बहुगुणा की पत्नी का निधन हो गया है। उन्होंने 93 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। उनके बेटे राजीव नयन बहुगुणा ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी।
बिमला बहुगुणा, अपनी साफ समझ, कड़ी मेहनत और समर्पण की भावना के लिए जानी जाती थीं । लक्ष्मी आश्रम जिसकी स्थापना महात्मागांधी की नजदीकी शिष्या सरला बेन ने की थी । बिमला बहुगुणा उस आश्रम की सबसे प्रिय छात्राओं में एक गिनी जाती थीं ।
आश्रम से बाहर की सामाजिक गतिविधियों में भी बिमला बहुगुणा काफी अहम भूमिका निभाती थी। जब विनोबा भावे के भूदान आंदोलन में आश्रम के प्रतिनिधित्व की जरूरत पड़ी तो बिमला बहुगुणा का ही नाम चुना गया था, बिमला बहुगुणा भूदान आंदोलन में अपने बेहतर काम के लिए भी जानी जाती रहीं। विनोबा भावे के मंत्री दामोदर ने बिमला को “वन- देवी” की उपाधि दी थी और कहा था कि ऐसी लड़की उन्होंने पहले कभी नहीं देखी, जो बहुत आसानी और मजबूती से नौजवानों का सही मार्गदर्शन करती हैं।


