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हल्द्वानी। गोरापड़ाव स्थित रक्षा जैव ऊर्जा अनुसंधान डिबेर राज्य से दूसरे जगह स्थानांतरित करने की सुगबुगाहट पर सांसद अजय भट्ट ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। उन्होंने डिबेर को अन्यत्र स्थापित न करने की मांग की है।
सांसद ने कहा कि उत्तराखंड सामरिक रूप से नेपाल और चीन की सीमा से घिरा प्रदेश है। राज्य के 13 में से तीन जिले सीमांत क्षेत्रों से सटे हैं। इन इलाकों में सैनिक और सीमांत गांवों के नागरिक भी ग्राम प्रहरी के तहत अपना सहयोग दे रहे हैं।
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1962 में उत्तराखंड में सैन्य संबंधित शोध कार्य के लिए डीआरडीओ ने उत्तराखंड में स्वतंत्र शोध इकाइयों की स्थापना की थी। सेनाओं को खाद्य आपूर्ति और अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति का कार्य सौंपा गया था। इसकी पहली इकाई के रूप में अल्मोड़ा रिसर्च यूनिट स्थापित की गई। तीन फील्ड स्टेशन औली चमोली हर्षिल उत्तरकाशी और पंडा फार्म पिथौरागढ़ में स्थापित किया गया।
डीआरडीओ की प्रयोगशाला रक्षा जैव ऊर्जा अनुसंधान संस्थान गोरापड़ाव हल्द्वानी जिला नैनीताल में स्थित है। जो इन तीनों इकाइयों औली हर्षिल और पंडा फार्म को कुशलता से संचालित कर रही है।
सांसद अजय भट्ट के अनुसार यह सैन्य संबंधित आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ.साथ आत्मनिर्भर भारत में भी अपना योगदान दे रही है। लिहाजा हल्द्वानी के इस प्रतिष्ठित संस्थान को किसी अन्य प्रयोगशाला या दूसरे प्रदेश में स्थानांतरित न किया जाय।
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