चीन सरकार ने इस साल एक करोड़ नौकरियां पैदा करने का लक्ष्य रखा। बेरोजगारी दर को 5.5 फीसदी तक रखने का वादा भी किया।
By Anil pandey, Beijing
कोरोना महामारी के दबाव के बीच चीन में रोजगार बढ़ाने के उपायों पर जोर दिया जा रहा है। बताया जाता है कि इस बारे में सरकार युवाओं को रोजगार के अधिक मौके देने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इसके लिए उन्होंने सरकारी स्तर पर इंटर्नशिप प्रदान किए जाने पर भी विचार हो रहा है।
पिछले दिनों चीनी स्टेट काउंसल, चीनी कैबिनेट ने इस बारे में व्यापक योजना तैयार की। इसके लिए इस वर्ष एक करोड़ 10 लाख नौकरियां पैदा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। साथ ही बेरोजगारी दर को 5.5 फीसदी के आसपास नियंत्रित रखने का भी वादा किया गया है। जबकि जॉब मार्केट को स्थिर बनाने की भी पूरी कोशिश की जाएगी। हालांकि इस चुनौती को कैसे हल किया जाएगा, यह देखने वाली बात होगी।
जैसा कि हम जानते हैं कि चीन में हर साल कॉलेज से लाखों छात्र स्नातक होते हैं। उन्हें उनकी योग्यता के मुताबिक रोजगार मुहैया कराना एक बड़ी चुनौती है। यही वजह है कि चीन सरकार ने इस बढ़ते दबाव को देखते हुए रोजगार सृजन के नए उपायों को बढ़ाने का फैसला किया है।
चीनी स्टेट काउंसिल की मानें तो सरकार रोजगार के नए अवसरों के विस्तार को प्राथमिकता देने जा रही है। साथ ही कंपनियों के लिए सपोर्ट बढ़ाकर नौकरी के बाजार को स्थिर करने के प्रयास किए जाएंगे। इस संबंध में पेश आने वाली अनुचित बाधाओं, विशेष तौर पर ऐसी चुनौतियां जो कि युवाओं को नौकरी ढूंढने और अपना बिजनेस चालू करने से रोकती हैं।
दावा किया जा रहा है कि चीन सरकार संबंधित लोगों को ट्रेनिंग देने की योजना चलाएगी और राष्ट्रीय बेरोजगारी बीमा कोष से 15.7 अरब डॉलर भी जारी किए जाएंगे।
माना जा रहा है कि इस साल चीनी विश्वविद्यालयों से 1 करोड़ 76 लाख नए कॉलेज ग्रेजुएट निकलेंगे। यह संख्या पिछले साल के मुकाबले 10 लाख 67 हज़ार अधिक होगी। इतनी बड़ी संख्या युवाओं को रोजगार देना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। क्योंकि वैश्विक कोरोना महामारी व अन्य अंतर्राष्ट्रीय कारणों से जॉब मार्केट मंदी से जूझ रहा है।