By Suresh Agrawal, Kesinga, Odisha
जहाँ एक ओर पूरे प्रदेश में सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है, वहीं दशकों से लचर एवं संकटापन्न बनी केसिंगा शहर की यातायात व्यवस्था पर किसी का ध्यान नहीं जाता। तमाम हल्के-भारी वाहन व्यवस्था की धज्जियां उड़ाते नज़र आते हैं, जिससे शहरवासी परेशान ही नहीं, उनके जीवन पर निरन्तर ख़तरा भी मंडरा रहा है।
विशेषकर, स्टाइलिश बाइक चालकों के करतब किसी की भी शामत का सबब बन सकते हैं। दिनों-दिन जनसंख्या के बढ़ते दबाव एवं शहर के बीच से होकर गुज़रने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 26 पर परिवहन विभाग का कोई नियंत्रण न होने के कारण हमेशा दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है। अभी चार दिन पहले ही शहर के बीच हुई दो ट्रकों की भिड़ंत के चलते यहां की विद्युत व्यवस्था कुछ समय के लिये अस्त-व्यस्त हो गयी थी। बलांगीर चौक, मुख्य बाज़ार क्षेत्र, अंबेडकर चौक तथा जगन्नाथ मन्दिर पारा चौक आदि शहर के तमाम महत्वपूर्ण स्थानों पर यातायात की बदहाली स्वतः अपनी कहानी बयां करती है। जगन्नाथ मन्दिर चौराहे से टिटिलागढ़ जाने वाले मार्ग पर स्थिति सबसे भयावह बन पड़ी है, जहाँ अकसर ही दुर्घटनाएं होती हैं। यहां दुर्घटना का शिकार हुये एक युवक को तो बाद में अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ा था।

शहर की बदहाल यातायात व्यवस्था का एक कारण सड़क के दोनों किनारे बड़ी तादाद में बैठने वाले अस्थायी दुकानदारों को व्यवस्थित न किया जाना भी है। व्यवस्था के नाम पर पुलिस अथवा प्रशासन समय-समय पर वाहनों की जांच के नाम पर उन्हें ज़ुर्माना ठोक अपने कर्तव्यों की इतिश्री समझ लेते हैं, पर यातायात सुचारू करने कोई समुचित कार्रवाई नहीं की जाती, जिससे नागरिकों में काफी नाराज़गी है, परन्तु वे अपनी बात कहने से कतराते हैं। समस्या गम्भीर है एवं यदि अब भी इस ओर ध्यान नहीं दिया जाता है, तो पानी सर से निकलने में देर नहीं लगेगी।

