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आजादी का अमृत महोत्सव : विवि परिसरों में हो रहे हैं व्याख्यान और सांस्कृतिक कार्यक्रम

Report ring Desk

नई दिल्ली। कुलपति प्रो श्रीनिवास वरखेड़ी ने कहा कि केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय इस साल अपना 52वां स्थापना दिवस आजा़दी के अमृत महोत्सव के विशेष उपलक्ष्य में प्रदेश में अवस्थित अपने विविध परिसरों में विभिन्न व्याख्यानों तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ मना रहा है। इसी क्रम में आज सभी एल्युमिनाई को पुष्प गुच्छ, शाल तथा मेमेन्टो से सम्मानित किया गया। कुलपति प्रो वरखेड़ी ने कहा कि सिर्फ़ भवन से नहीं अपितु कार्य संस्कृति से किसी भी संस्था का विकास होता है। यही कारण है यह विश्वविद्यालय जो शास्त्री भवन दिल्ली के एक साइकिल स्टैंड में खुला था वह आज एक देशव्यापी केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय हो गया है। इसकी प्रारंभिक वार्षिक बजट दो करोड़ के आसपास था, आज वही भारत सरकार के द्वारा दो सौ करोड़ कर दिया गया है। इस विश्वविद्यालय के प्रथम पूर्ण कालिक सेवा निवृत्त निदेशक प्रो के के मिश्रा ने ने कहा कि जब संस्कृत की रक्षा नहीं होगी तो देश की रक्षा नहीं हो सकती है। संस्कृत बोलने के साथ साथ संस्कृत शास्त्र में नीहित दर्शन को भी जीवन प्रबन्धन में लाना होगा।

समापन अवसर पर देश के अनेक संस्कृत विद्वानों को पुरस्कृत भी किया जाएगा। समापन समारोह के अवसर पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली के कुलपति प्रो शान्तिश्री धूलीपुड़ी पण्डित मुख्य अतिथि तथा आचार्य बालकृष्ण कुलपति पतंजलि विश्वविद्यालय, हरिद्वार विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित रहने की स्वीकृति दी है। इस अवसर पर केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के विविध परिसरों के अतिरिक्त उन विद्वानों को भी राष्ट्रीय स्तर पर चयनित किया गया है जिन्होंने संस्कृत की गुरुकुलीय शिक्षा तथा शास्त्र परंपरा संगणक तथा पुस्तकालय विज्ञान तथा अकादमिक प्रशासन के क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य किया है, जिन्हें इस स्थापना दिवस समारोह में 50000रु. सम्मान राशि तथा प्रशस्ति पत्रों से अलंकृत भी किया जाएगा।

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