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चाइना के गांवों में काली मिर्च रोपण से बदल रही है लोगों की लाइफ़

By Anil Pandey, Beijing

चीन ने पिछले कुछ दशकों में देश के हर क्षेत्र और कोने का विकास करने पर ध्यान दिया। शहरों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी स्थिति में काफी सुधार देखा गया है। पहले ज़मीनी तौर पर स्थिति बेहतर करने पर ज़ोर दिया गया। उसके बाद गुणवत्तापूर्ण विकास किया जा रहा है। इसके साथ ही पर्यावरण प्रदूषण रोकने और हरित विकास पर फोकस किया गया है। इसका सीधा असर लोगों के जीवन स्तर और पर्यटन पर दिख रहा है। हम यहां गांवों की बात करेंगे, जहां कायाकल्प होने के बाद पैदावार बढ़ चुकी है और पर्यटन से भी अच्छी कमाई हो रही है। दक्षिण पश्चिम चीन के क्वेइचो प्रांत में कई ऐसे इलाके हैं जहां पथरीले मरुस्थलीकरण की समस्या से लोग परेशान थे। लेकिन स्थानीय तौर पर चलायी गयी एक योजना से उनका जीवन बदल गया। इस योजना के तहत लोगों को सछवान काली मिर्च लगाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। क्वेइचो के इन पहाड़ी इलाकों में काली मिर्च रोपने की योजना से ग्रामीणों की किस्मत पलट गयी।

इस योजना में हिस्सा लेने वाले एक ग्रामीण लुओ वनमेई बताते हैं कि वे हर महीने काली मिर्च लगाकर लगभग 2 हज़ार युआन( 23 हज़ार रुपए) से ज्यादा कमा लेते हैं। उन्होंने पहले कभी सोचा नहीं था कि इस सूखे और पहाड़ी इलाके में कभी इस तरह की चीज़ भी उग सकती है। यह उन जैसे कई गांव वासियों के लिए किसी सपने पूरा होने के जैसा है। आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि जो ज़मीन बंजर और सूखी पड़ी थी। अगर उस पर काली मिर्च आदि उगाकर इतनी कमाई की जा रही है तो जाहिर है लोग कितने खुश होंगे।

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बताया जाता है कि अब तक काली मिर्च उद्योग के चलते करीब 15 हज़ार से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर मिले हैं। इसके कारण गांव के दो सौ परिवारों की आय में औसतन 6 हज़ार युआन से अधिक का इजाफा हुआ है।
इतना ही नहीं चीन की केंद्र सरकार ने देश के विभिन्न हिस्सों में हरियाली बढ़ाने और प्रकृति को संरक्षित करने के लिए अभियान चलाया है। जिसका व्यापक तौर पर असर देखने को मिला है।

उधर संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी जेम्स जॉर्ज कहते हैं कि ग्रामीण पुनरुद्धार को बढ़ावा देने में प्राकृतिक संरक्षण का बहुत महत्व है। उनके मुताबिक पारिस्थितिक पर्यावरण बिगड़ने या खराब होने से गरीबी बढ़ती है, जबकि गरीबी से पारिस्थितिक पर्यावरण और खराब होता है। ये दोनों एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। ऐसे में पर्यावरण संरक्षण के महत्व को कम नहीं आंका जा सकता है। लेकिन चीन जैसी विशाल आबादी वाले देश में सरकार द्वारा इतनी गंभीरता से कदम उठाये जाने की प्रशंसा करनी चाहिए। इससे न केवल चीन के भीतर की स्थिति सुधरेगी, बल्कि वह अन्य देशों के लिए भी उदाहरण पेश करने में सफल होगा।

(रिपोर्ट रिंग के लिए बीजिंग से अनिल पांडेय की रिपोर्ट)

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