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देहरादून। स्वास्थ्य और शिक्षा पर होने वाले खर्च से पता चलता है कि सरकार जनता के प्रति कितनी उतरदायी है। उत्तराखंड में प्रति व्यक्ति स्वास्थ्य पर खर्च होने वाला बजट हैरान करने वाला है। राज्य का प्रति व्यक्ति स्वास्थ्य बजट हिमालयी राज्यों में सबसे निचले पायदान पर है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के स्टेट फाइनेंस 2019 की रिपोर्ट के आधार पर सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन (एसडीसी) ने तुलनात्मक अध्ययन के बाद फैक्टशीट जारी की है। उत्तराखंड का प्रति व्यक्ति खर्च 5887 रुपये बताया गया है। यह बजट पड़ोसी राज्य हिमाचल की तुलना में 72 प्रतिशत कम है।
एसडीसी फाउंडेशन ने पिछले तीन वर्षों 2017, 2018 और 2019 में हिमालयी राज्यों में जन स्वास्थ्य (प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष) पर खर्च की गई धनराशि का लेखा जोखा जारी किया है। इसमें उत्तराखंड 10 हिमालयी राज्यों में सबसे निचले पायदान पर है।
वर्ष 2017 से 2019 के बीच हिमालयी राज्यों में स्वास्थ्य सेवाओं पर अरुणाचल प्रदेश ने सबसे ज्यादा 28417 रुपये प्रति व्यक्ति खर्च किए हैं। सिक्किम ने इस दौरान 21137, मिजोरम ने 16712, हिमाचल प्रदेश ने 10176, मेघालय ने 9856, जम्मू कश्मीर ने 9469, मणिपुर ने 7755, त्रिपुरा ने 7156 और उत्तराखंड ने 5887 रुपये प्रति व्यक्ति जन स्वास्थ्य सुविधाओं पर खर्च किए हैं।
एसडीएस फाउंडेशन के संस्थापक , अनूप नौटियाल कहते हैं कि देश के सभी राज्यों में कोविड की स्थिति के अध्ययन के दौरान यह बात सामने आई थी कि कोरोना के मामले, संक्रमण व मृत्यु दर में राज्य की स्थिति अधिकांश समय निचले पायदान पर है। साफ है कि जिस तरह से हम कोविड की स्थिति को संभालने में नाकाम हुए, उसके लिए कहीं न कहीं बजट की कमी अवश्य कारण रही है।