Pachayan

संस्कार भारती के संकुल कला केंद्र में 5 दिवसीय चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन

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उत्तराखण्ड की कला और कलाकारों को ‘पछ्याण’ से मिलेगी राष्ट्रीय स्तर पर  पहचान

नई दिल्ली। संस्कार भारती के प्रतिष्ठित स्थापत्य कला केंद्र कला संकुल में रंगगीत आर्ट सेंटर द्वारा उत्तराखंड की कला और कलाकारों को राष्ट्रीय पहचान दिलाने के उद्देश्य से ‘पछ्याण’ शीर्षक से पांच दिवसीय सामूहिक चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है, जो 22 मई तक चलेगी। प्रदर्शनी में देश के प्रतिष्ठित कलाकारों के साथ-साथ उत्तराखंड के उदीयमान युवा कलाकारों की विशेष भागीदारी देखी जा रही है।

उत्तराखंड की सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ी इस प्रदर्शनी में पारंपरिक लोकसंस्कृति की छाया में रचे गए समकालीन चित्रों के माध्यम से युवा कलाकारों के प्रयास स्पष्ट रूप से उभर कर सामने आते हैं। ‘पछ्याण’ के माध्यम से उत्तराखंड की सांस्कृतिक अस्मिता को एक नई ऊर्जा, नया स्वर और सशक्त मंच प्राप्त हो रहा है।

प्रदर्शनी के उदघाटन समारोह में संस्कार भारती केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं केंद्रीय कार्यालय सचिव अशोक तिवारी, कला संकुल के कार्यालय प्रबंधक दिग्विजय पांडेय, केंद्रीय ललित कला अकादमी से संबद्ध कार्यक्रम संयोजक हिमांशु डबराल तथा वरिष्ठ कलाकार नवल किशोर और अजय समीर की गरिमामयी उपस्थिति रही।

प्रदर्शनी में प्रस्तुत कृतियों में कलाकारों ने उत्तराखंड के पहाड़ी जीवन, वहाँ की भौगोलिक चुनौतियाँ, लोकसंस्कृति और दैनिक संघर्षों को अत्यंत गहराई और संवेदनशीलता से उकेरा है। स्थानीय जीवन के रंग, महिलाओं की भूमिका, पर्वतीय सादगी और जीवट- इन सभी को भावपूर्ण अभिव्यक्ति मिली है। कुछ कृतियों में ऐपण जैसी पारंपरिक लोककला को समकालीन दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया गया है, जिससे दर्शक अपनी सांस्कृतिक जड़ों से और भी अधिक जुड़ते हैं।

प्रदर्शनी में त्सेरिंग नेगी, प्रियोम तालुकदार, कुसुम पांडेय, पपिल मन्ना, मनींदर सिंह धुन्ना, शानू शर्मा, चेतन जोशी, कविश नबियाल, रितिका भट्ट, दीपांशु डुग्ताल, खस्ती पलाड़ी, रिया कबडाल और अर्चिता पाढय़िार की कलाकृतियां प्रदर्शित की गई।

 

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