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कोविड-19 महामारी ने पूरी दुनिया को अपने चंगुल में ले रखा है। कई देशों में संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं। जबकि मरने वालों की तादाद भी रुकने का नाम नहीं ले रही है। हालांकि चीन ने इस महामारी पर बहुत हद तक काबू कर लिया है, इसके साथ ही चीन वैश्विक स्तर पर भी मदद का हाथ बढ़ा रहा है। चीन बार-बार कहता रहता रहा है कि सदी के इस सबसे गंभीर स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की जरूरत है। क्योंकि वायरस किसी भी देश की सीमा को नहीं मानता है। कहना होगा कि चीन की पहल रंग ला रही है। हाल में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस दिशा में व्यापक कोशिश की, जिसके चलते अब तक 184 देश और क्षेत्र टीके को सभी देशों तक पहुंचाने के लिए एक मंच पर आए हैं। डब्ल्यूएचओ ने सोमवार को इसकी घोषणा की। बताया जाता है कि कोविड-19 पर काबू करने के लिए जो भी वैक्सीन तैयार होगी, उसकी प्रभावी और समान वैश्विक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए यह समूह अहम भूमिका निभा सकता है।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम घ्रेबेयसस के अनुसार, कोवेक्स नाम का यह वैश्विक मंच कोविड-19 के सबसे बड़े पोर्टफोलियो और दुनिया भर में समान रूप से सुरक्षित और प्रभावी टीके को साझा करने का सबसे प्रभावी तरीका है।
यहां बता दें कि चीन समेत कुछ देश वैक्सीन उत्पादन में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। कोविड-19 पर नियंत्रण करने के लिए चीन में टीके का ट्रायल एडवांस लेवल तक पहुंच चुका है। ऐसे में अगर चीन में वैक्सीन तैयार होती है तो चीन उसे विश्व के तमाम जरूरतमंद देशों के साथ साझा करने के लिए तैयार है। यही वजह है कि चीन इस टीके के विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की वकालत कर रहा है।
गौरतलब है कि पूरी दुनिया कोरोना वायरस के खात्मे के लिए संघर्ष कर रही है। वैज्ञानिक पूरी मेहनत से वैक्सीन तैयार करने की मुहिम में जुटे हैं। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक अब तक विश्व में कोविड-19 के 198 टीके तैयार करने का काम चल रहा है। जिनमें से 44 टीकों का क्लिनिकल ट्रायल जारी है। उम्मीद की जानी चाहिए कि जल्द से जल्द वैक्सीन बाज़ार में आएगी और सभी जरूरतमंद देशों व लोगों के लिए उपलब्ध होगी।
साभार-चाइना मीडिया ग्रुप