पूरे इलाके में लगाया कर्फ्यू
हल्द्वानी। हल्द्वानी के बनभूलपुरा में गुरुवार शाम को अतिक्रमण हटाने को लेकर बवाल हो गया जिसके बाद प्रशासन ने देर शाम उपद्रवियों के पैर में गोली मारने के आदेश जारी किए। इस दौरान दो लोगों की मौत हो गई। प्रशासन ने शहर में कर्फ्यू लगा दिया है।
हल्द्वानी में गुरुवार शाम को उपद्रवियों ने जमकर उत्पात मचाया। उपद्रवियों द्वारा उत्पात मचाने के बाद स्थिति इतनी खराब हो गई कि पुलिस को पूरे इलाके में कफ्र्यू लगाना पड़ा। यही नहीं पुलिस को आदेश मिले हैं कि जैसे ही कोई दंगाई दिखाई दे उसे गोली मार दी जाए। बता दें कि हल्द्वानी में हुई हिंसा में अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है। इस घटना में 100 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में मलिक के बगीचे में अवैध रूप से बनी मदरसा और मस्जिद को हटाने की कार्रवाई की थी। जैसे ही पुलिस अवैध मस्जिद को हटाने की कार्रवाई शुरू करने लगी तभी बड़ी संख्या में स्थानीय निवासियों ने विरोध शुरू कर दिया। आक्रोश में आए स्थानीय निवासियों ने बैरिकेड तोड़े और विध्वंस की कार्रवाई में लगे पुलिस कर्मियों के साथ अनबन भी की। जेसीबी जब मस्जिद तोड़े जाने की कार्रवाई कर रही थी तभी भीड़ काफी हिंसक हुई और पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया। इसी दौरान पूरे इलाके में तनावपूर्ण माहौल उत्पन्न हो गया है। हालांकि पुलिस ने आक्रोश में आए लोगों को शांत करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। पुलिस को लाठी चार्ज भी करना पड़ा लेकिन बवाल काफी बढ़ गया। इसके बाद इलाके में तनाव को देखते हुए रामनगर से पुलिस फोर्स को बुलाया गया और पुलिस ने मोर्चा संभाला है। बवाल करने वालों ने थाने में आगजनी की और दर्जनों गाडिय़ोंं को आग हवाले कर दिया।
बवाल के बाद पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है, जिले में मिश्रित आबादी वाले थाना क्षेत्रों में संवेदनशील जगहों पर गश्त बढ़ा दी गई है। साथ ही दो कंपनी, दो प्लाटून पीएसी को हल्द्वानी भेजा गया है। ध्वस्तीकरण वाले नोटिस पर रोक पर सुनवाई 14 को मलिक का बगीचा और अच्छन का बगीचा क्षेत्र में अतिक्रमण के ध्वस्तीकरण वाले नोटिस पर रोक लगाने संबंधी याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई 14 फरवरी को होगी। न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित ने मामले की सुनवाई की।
पुलिसकर्मियों को जिंदा जलाने की कोशिश की गई- जिलाधिकारी
हल्द्वानी में हुई हिंसा को लेकर नैनीताल की डीएम वंदना सिंह ने शुक्रवार को विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि कोर्ट के आदेश पर नगर निगम की टीम अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चला रही थी। उन्होंने कहा कि किसी को टारगेट नहीं किया गया था और न ही दोनों ढांचे किसी धार्मिक या शैक्षणिक स्थल के रूप में पंजीकृत थे। डीएम ने भीड़ की ओर से की गई हिंसा की जानकारी देते हुए कहा कि थाने पर भी हमला किया गया और पुलिसकर्मियों को जिंदा जलाने की कोशिश की गई। डीएम ने बताया कि आधिकारिक तौर पर दो लोगों लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। उन्होंने कहा कि शुरूआत में चार लोगों के मरने की सूचना मिली थी लेकिन बाद में वेरिफाई किया गया तो पता चला कि दो लोगों की मौत हुई है।डीएम ने कहा कि थाने को पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया गया। पुलिस प्रशासन और नगर निगम की गाडिय़ों को आग के हवाले किया गया। उन्होंने कहा कि नुकसान का विस्तृत आंकलन किया जा रहा है और उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।