नई दिल्ली। सीएसयू परिसरों तथा आदर्श महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा पुरी में त्रिदिवसीय रंग मंचन का आयोजन किया गया। इस मंचन में ऐतिहासिक- सांस्कृतिक-पौराणिक कथानको के मंचन पर बल दिया गया है। इस अवसर पर केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय दिल्ली के कुलपति प्रो. श्रीवानिवास वरखेड़ी ने कहा कि यह संस्कृत के छात्र-छात्राओं की प्रखर प्रतिभा का ही परिणाम है कि फरवरी माह में भारत से संस्कृत रंगकर्मियों को लंदन में भी मंचन के लिए आमंत्रित किया गया है।
आदर्श महाविद्यालयों के छात्र छात्राओं ने प्रथम बार इस प्रतियोगिता में भाग लेते हुए मन भावन मंचन किया। केरल के कालिकट स्थित आदर्श संस्कृत विद्यापीठ का बालचरितम् में भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीला का मंचन काफी सराहनीय रहा। कालिआ चक विक्रम किशोर आदर्श संस्कृत महाविद्यालय, पश्चिम बंगाल का प्रयोग भी अच्छा रहा। हिमाचल प्रदेश से आये सनातन धर्म आदर्श महाविद्यालय का मंचन भी काफी पसंद किया गया। वृषभानुजा एकंसवध, वेणीसंहार, बालचरित, कृष्णभक्तिचन्द्रिका, उत्तररामचरितम तथा सुभद्राधनंजय रुपकों के सधे रंग प्रयोगों में कुछ नवाचारी प्रयोग के साथ साथ आचार्य भरत के नाट्यधर्मि जीवंत प्रयोग पुरी स्थित पौर सदन के दर्शक दीर्घा को बांधे रखा। इसमें नाट्य नृत्य भी भी काफी दिलचस्प रहा। इन सभी के सात्त्विक, वाचिक तथा आंगिक अभिनयों में रामायण, महाभारत तथा पौराणिक देवशास्त्रीय आख्यानों आदि में पुरुषोत्तम भगवान राम, देवी सीता, भगवान श्रीकृष्ण और सुभद्रा आदि के चरित्रों में भरतोक्त अभिनय को दर्शकों ने बहुत पसंद किया। राष्ट्रीय संस्कृत नाट्य महोत्सव के आयोजक परिसर श्रीसदाशिव परिसर पुरी ओडिशा के भव्य पूर्वरंग के प्रदर्शन से इस रंगोत्सव का श्रीगणेश किया गया।

सीएसयू के कुलसचिव प्रो रणजित कुमार वर्मन ने कहा है कि ऐसा रंग प्रयोग संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार के लिए आवश्यक है। कार्यक्रम के राष्ट्रीय संयोजक डा मधुकेश्वर भट्ट ने बताया कि इस रंग महोत्सव के विविध विविध राज्यों में आयोजन से संस्कृत रंगकर्मियों की सबका साथ, सबका विकास तथा सबका विश्वास की भावना और मजबूत होगी।

