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साइंस एंड टैक्नोलॉजी में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है यह देश

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साल 2019 के दौरान चीन ने रिसर्च व डिवेलपमेंट पर 2.21 खरब युआन खर्च किए। जबकि 2015 में लगभग 1.42 खरब युआन इस सेक्टर में लगाए गए थे। बुनियादी अनुसंधान पर खर्च 2015 के बाद से करीब दोगुना हो चुका है, पिछले साल यह राशि 13.6 अरब युआन रिकार्ड की गयी।

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चीन ने पिछले कुछ दशकों में लगभग हर क्षेत्र में विकास किया है। विज्ञान, तकनीक व नवाचार के क्षेत्र में भी चीन लगातार आगे बढ़ रहा है। जानकार मानते हैं कि चीन ने हाल के पाँच वर्षों में इस सेक्टर में जिस तरह से तरक्की की है वह काबिलेतारीफ है। विश्व की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाले देश में इस दिशा में हो रही प्रगति एक अच्छा संकेत कहा जा सकता है।

बताया जाता है कि गत् 5 सालों में चीन में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार क्षमता से जुड़े कई प्रमुख संकेतकों में लगातार वृद्धि देखी गयी है। निकट भविष्य में भी चीन नवाचार-संचालित विकास रणनीति पर काम करता रहेगा। क्योंकि यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें विकास की व्यापक संभावनाएं नज़र आती हैं।

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संबंधित योजनाओं से जुड़े चीनी अधिकारियों के मुताबिक बुनियादी अनुसंधान को बढ़ाते हुए शोध संस्थानों और प्रबंधन के सुधारों को गहरा किया जाएगा। साथ ही गुणवत्ता वाली प्रतिभाओं को प्रशिक्षित करने के अलावा अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का विस्तार भी करना होगा।

बताया जाता है कि 13 वीं पंचवर्षीय योजना सभी क्षेत्रों में समान रूप से समृद्ध समाज बनाने और चीन को एक अभिनव देश बनाने का महत्वपूर्ण दौर है। इसके साथ ही 2020 के आखिर तक चीन गरीबी उन्मूलन का लक्ष्य भी हासिल करने की पूरी कोशिश करेगा।

गौरतलब है कि साल 2019 के दौरान चीन ने अनुसंधान और विकास पर 2.21 खरब युआन खर्च किए। जबकि 2015 में लगभग 1.42 खरब युआन इस सेक्टर में लगाए गए थे। बुनियादी अनुसंधान पर खर्च 2015 के बाद से करीब दोगुना हो चुका है, पिछले साल यह राशि 13.6 अरब युआन रिकार्ड की गयी।

इतना ही नहीं 2015 के बाद से चीन ने अपने टेक्नोलॉजी मार्केट का मूल्य भी दोगुना कर दिया है। चीन में अब 169 राष्ट्रीय स्तर के उच्च-तकनीकी विकास क्षेत्र हैं और 2 लाख 25 हज़ार से अधिक हाई-टेक कंपनियां हैं, जबकि 2015 में इनकी संख्या 79 हज़ार थी।

वहीं ग्लोबल इनोवेशन में भी चीन की छवि लगातार बेहतर हो रही है। यहां बता दें कि चीन 2015 में वैश्विक नवाचार की रैंकिंग में 29वें स्थान पर था, लेकिन इस साल छलांग लगाकर 14वें नंबर पर आ गया है। विश्व बौद्धिक संपदा संगठन द्वारा ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स को लेकर जारी आंकड़ों से इसकी पुष्टि होती है।

चीन द्वारा विज्ञान व प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में जिस गति से काम किया जा रहा है, उसके लिहाज़ से आगामी कुछ वर्षों में चीन इस सेक्टर में एक बड़ी शक्ति बनने की क्षमता रखता है।

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