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उत्तरकाशी। यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सुरंग में रविवार सुबह 5: 30 बजे सुरंग के सिलक्यारा वाले मुहाने से करीब 250 मीटर आगे 35 मीटर हिस्से में भूस्खलन हो गया।
सुरंग में उस वक्त 45 मजदूर थे। मलबा गिरता देख पांच मजदूर बाहर भाग गए, लेकिन 40 सुरंग में ही फंस गए। बीते रविवार रात जब सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों से पहली बार वॉकी-टॉकी के जरिए संपर्क हुआ तो उन्होंने खाना मांगा था। यह इच्छा उन्होंने एक कागज पर लिखकर पाइपलाइन के जरिए भेजी थी। इसके साथ ही मजदूरों ने यह भी कहा था कि खाने की भले कमी हो जाए लेकिन ऑक्सीजन की कमी मत करना।

हादसे के बाद मौके पर पहुंचे आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने सुरंग के अंदर भूस्खलन का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि सुरंग के अंदर सभी मजदूर सुरक्षित हैं जिन्हें पाइपलाइन के जरिए खाना, पानी और ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। बताया कि देहरादून से बोरिंग के लिए ऑगर मशीन मंगवाई गई है जिससे बोरिंग कर ढाई फीट व्यास का पाइप डाला जाएगा जिससे सभी मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस काम में एक से दो दिन का समय लग सकता है। पांच-छह दिन की ऑक्सीजन है।

