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शिखर भनार में लगा कार्तिक पूर्णिमा का मेला, झोड़े, चांचरी, भजन-कीर्तनों से बढ़ जाती है मेले की रौनक

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Report ring Desk
कपकोट(बागेश्वर)। बागेश्वर जिले के कपकोट क्षेत्र स्थित ग्राम भनार में हर साल लगने वाले तीन दिवसीय शिखर भनार मेले की धूम मची हुई है। मेले में दूर दूर से लोग पहुंच रहे हैं। मेले के रौनक झोड़े, छपेली गाने वाले लोक कलाकार और बढ़ा देते हैं। आसपास के क्षेत्रों के कई गांवों से यहां पहुंचे ग्रामीणों द्वारा श्रद्धा भक्ति के साथ झोड़ा, चांचरी, भजन, पूजन किया जा रहा है।

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समुद्र तल से करीब 9124 फुट की ऊंचाई पर मूलनारायण मंदिर शिखर बना है। इस मंदिर में फसल का पहला अनाज (सीक) के रूप में श्री 1008 मूलनारायण देवता को चढ़ाया जाता है। मान्यता है कि भगवान मूलनारायण के दो पुत्र भी इसी शिखर से कुछ दूरी में स्थित हैं। इनके एक पुत्र का नाम बंजैण और दूसरे पुत्र का नाम नौलिंग है। भनार में भगवान बंजैण का मंदिर है। यह मंदिर शिखर जाने के रास्ते में पड़ता है। सनगाड़ में नौलिंग भगवान का भव्य मंदिर है।

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समाजिक कार्यकर्ता प्रताप सिंह नेगी ने बताया कि हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन लगने वाले इस मेले में आसपास के गांवों और क्षेत्रों से कई लोक गायक पहुंचते हैं, जो ग्रामीणों के साथ झोड़ा, चांचरी,भजन-कीर्तनों से मेले की महफिल में चार चॉंद लगा देते हैं। इस बार मेला रविवार 6 नवम्बर को प्रारंभ हुआ जिसका 8 नवम्बर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन समापन होगा। मेले में लोक कलाकारों द्वारा पारम्परिक वाद्य यंत्रों ढोल, दमाऊ, नगाड़े, मसकबीन बजाकर शानदार प्रदर्शन किया जाता है और मंदिर परिसर में जागर के साथ देवताओं को नचाया जाता है, जिन्हें लोकल भाषा में डंगरिए कहा जाता है। दिन रात चलने वाले इस मेले में लगने वाले पारंपरिक झोड़ा, चांचरी को खूब पसंद किया जाता है, सोशियल मीडिया में भी इस मेले के झोड़े, चांचरी को लोगों द्वारा बहुत पसंद किया जा रहा है।

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