Report ring desk
हल्द्वानी । फतेहपुर रेंज से लगे इलाकों में बाध का आतंक बना है। बाघ के आदमखोर घोषित होने के बावजूद उसे मारने की बजाय पहले ट्रैंकुलाइज करने का प्रयास किया जाएगा। गोली चलाना अंतिम विकल्प रखा गया है। अभियान में शामिल रहे वरिष्ठ शिकारी आशीष दास गुप्ता के मुताबिक मंगलवार रात दमुवाढूंगा के जंगल में जिस लोकेशन पर इंद्रा देवी को बाघ ने मारा था। वहां पर कैमरा ट्रैप में बाघ फिर से नजर भी आया।
संभावना थी कि पुरानी घटना पर हमलावर बाघ फिर लौटकर आया था। मगर इससे पहले उन्हें बता दिया गया कि बाघ को गोली नहीं मारनी है। वहीं, मामले में डीएफओ रामनगर सीएस जोशी का कहना है कि ट्रैंकुलाइज करने के लिए बाहर से भी एक्सपर्ट की टीम बुलाई गई है। जिन्हें जंगल में ऐसे अभियान चलाने का लंबा अनुभव है।
फतेहपुर रेंज में दिसंबर अंत से लेकर अब तक छह लोगों की वन्यजीवों के हमले में जान गई थी। लगातार हो रही घटनाओं की वजह से लोगों में आक्रोश है।


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