Uttarakhand DIPR
Sans

केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय और भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद की संगोष्ठी

खबर शेयर करें

Report ring Desk

नई दिल्ली। भारतीय वैज्ञानिक दिवस के अवसर पर केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय दिल्ïली तथा भारतीय दार्शनिक अनुसन्धान परिषद् दिल्ली ने मिलकर इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में एक संगोष्ठी का आयोजन किया। हवायी विश्वविद्यालय अमेरिका में अध्यापनरत तथा केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के विजीटिंग प्रोफेसर अरिन्दम चक्रवर्ती ने अपने एक्सटेंशन लेक्चर “रिलेक्शन्स ऑन फ्रीडम इन कन्टेमपोरेरी वेस्टर्न फिलौसफी” में कहा कि भारतीय दर्शन में जहां स्वतंत्रता तथा पछतावा का महत्व होता है वहीं पाश्चात्य दर्शन में स्वतंत्रता का संबंध रीसेंटमेंट से है। डा चक्रवर्ती ने अपने वक्तव्यों महाभारत, शास्त्र तथा पाश्चात्य चिन्तन के आधार पर रखा।

केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीनिवास वरखेड़ी ने माध्वाचार्य के अनुसार स्वतंत्रता की शैली पर प्रकाश डाला। पूर्व कुलपति तथा संगोष्ठी के अध्यक्ष प्रो वेम्पटि कुटुम्ब शास्त्री ने कहा कि परम स्वतंत्र कर्ता तो ईश्वर ही है जिसका कोई विकल्प नहीं हो सकता है।

आईसीपीआर के निदेशक तथा मेम्बर सेक्रेटरी डॉ. पूजा व्यास तथा प्रो सच्चिदानन्द मिश्रा ने अतिथियों का परिचय तथा स्वागत और डा मधुकेश्वर भट्ट ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस संगोष्ठी में केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो रणजित कुमार बर्मन के अतिरिक्त दिल्ली के अनेक विश्वविद्यालय के लगभग साठ विद्वान उपस्थित रहे।

gadhi 2
Follow us on Google News Follow us on WhatsApp Channel

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top