वाराणसी। भारतीय नव वर्ष चैत्र नवरात्र के दिन केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय दिल्ली के कुलपति प्रो श्रीनिवास वरखेड़ी की अध्यक्षता एवं अन्य संस्थाओं के सहभागिता से काशी विश्वनाथ मन्दिर वाराणसी में अखिल भारतीय शास्त्रीय स्पर्धा का आयोजन का आरंभ किया जा रहा है, जो 25 मार्च तक चलेगा। इस अवसर पर कुलपति प्रो वरखेड़ी ने आयोजन को लेकर प्रसन्नता अभिव्यक्त करते कहा है कि विश्वप्रसिद्ध इस विश्वनाथ धाम मन्दिर वाराणसी में हिन्दू नव वर्ष के दिन से इसका श्रीगणेश किया जाना भी महत्त्वपूर्ण इसलिए भी माना जा सकता है कि शिक्षा मन्त्रालय भारत सरकार के सौजन्य से केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा यह भव्य बौद्धिकोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। जिसका लक्ष्य संस्कृत भाषा तथा इसकी विविध विधाओं की विद्याओं को संवर्धित कर लोक हित तक प्रचारित तथा प्रसारित करना है। यह खुशी का विषय है कि केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के साथ अन्य प्राच्य संस्थाएं उस ज्ञान गंगा को प्रवाहमान बनाने के लिए कटिबद्ध है। इससे संस्कृत की भारतीय एकसूत्रता हेतु प्रतिबद्धता की भी पुष्टि होती है।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में नीलकंठ तिवारी, पूर्व धर्मार्थ मन्त्री तथा विधायक शहर दक्षिणी, वाराणसी तथा श्री कौशल राज शर्मा, मंडल आयुक्त वाराणसी विशिष्ट अतिथियों आचार्य नागेन्द्र पाण्डेय, श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास वाराणसी मुख्य अतिथि के रुप में सुशोभित करेंगे।
उदï्घाटन सत्र में देश के विभिन्ïन प्रदेशों से आये लब्धप्रतिष्ठ अनेक विद्वान संस्कृत के विविध क्षेत्रों के शास्त्रों पर अपने तीक्ष्ण बुद्धिमत्ता तथा एकाग्रचित्त अद्भुत अवधान के माध्यम से विशेष कर काशी शास्त्र परम्परा को अक्षुण्ण तथा लोकोन्मुखी बनाये रखने के लिए कवि सपर्या अर्थात शास्त्रार्थ का भव्य प्रस्तुति करेंगे। इन दिग्गज विद्वानों में पद्मभूषण प्रो वशिष्ठ त्रिपाठी, वाराणसी, प्रो के ई देवनाथन, पूर्व कुलपति श्री वेंकटेश्वर वैदिक विश्वविद्यालय, तिरुपति प्रो मणिद्रविड शास्त्री, काशी और प्रो श्रीनिवास वरखेड़ी, कुलपति केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय दिल्ली भारतीय विविध शास्त्रों पर अपना व्याख्यान देते हुए इसकी युगीनता पर प्र्रकाश डालेंगे।