वन्दना ने बनाई इको फ्रेंडली- पिरुल और घिंघारू की राखी तो रचना ने बनाई हैं पेपर और रंगों से खूबसूरत राखियां
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अल्मोड़ा(जागेश्वर)। भाई-बहन का सबसे बड़ा त्यौहार रक्षाबंधन आने वाला है। इस बार बाजारों की रौनक पहले से ही फीकी है। रक्षाबंधन से पहले ही भारतीय बाजार चीनी राखियों से पट जाते थे। लेकिन इस बार चीन के साथ बढ़ते विवाद और चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के चलते बाजारों में चीन निर्मित राखियां भी कम ही नजर आ रही हैं। बाजारों से भले ही चीनी राखियां गायब सी हो गई हों पर इन दिनों सुदूरवर्ती एक ही गॉव की दो बेटियों द्वारा बनाई गई राखियां सोशल साइट्स में काफी पसंद की जा रही हैं।
चीनी वस्तुओं के विरोध के बाद लोकल फॉर वोकल की मुहिम भी तेज हो गई है। इसी को बढ़ावा देने के लिए ग्राम चमुवां की दो बेटियों वन्दना कार्की और रचना कार्की ने इको फ्रेंडली राखियां बना डाली। राजकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय चमुवां में पढ़ऩे वाली कक्षा 9 की छात्रा वन्दना कार्की ने जहां पिरुल (चीड़ की पत्तियां) और घिंघारू(जंगली फल) से राखी बनाई हैं, वहीं इसी विद्यालय से पढ़ चुकी रचना कार्की ने पेपर और पेंटिंग्स से खूबसूरत राखियां सजाई हैं, जिन्हें लोगों द्वारा बहुत पसंद किया जा रहा है।
धौलादेवी ब्लाक के चमुवां गाँव की रहने वाली वन्दना कार्की से बताया कि विद्यालय में उनकी अध्यापिका प्रेमा गड़कोटी जी के मार्गदर्शन में उसके स्कूल के बच्चों ने हर त्यौहार, हर पर्व में कुछ न कुछ नया सीखा। इस बार भी घर बैठे कुछ नया करने का विचार आया और प्राकृतिक चीजों से राखी बनाई है।
वहीं, वन्दना को पढ़ाने वाली और उनकी मार्गदर्शक रही अध्यापिका प्रेमा गड़कोटी बताती हैं कि वन्दना क्राफ्ट कार्य में बहुत रूचि रखती हैं। वह विद्यालय में फोटो फ्रेम, ऐपण, सिलाई, आसन समेत कई गतिविधियों में भाग लेती रहती है।
रचना ने बनाई पेपर और रंगों की खूबसूरत राखी
चमुवा गांव की ही रहने वाली रचना कार्की बचपन से ही अपनी चित्रकारिता से लोगों का मन जीतती रही है। उसकी कला की कई बार प्रशंसा हो चुकी है। इस बार उसने कागज के पेपरों और रंगों से खूबसूरत राखियां सजाई हैं जिन्हें लोग बहुत पसंद कर रहे हैं। यही नहीं कोरोना काल में रचना की कोविड-19 से लोगों को जागरूक करने वाली खूबसूरत पेंटिंग्स को भी लोगों ने बहुत पसंद किया था।
गरीब परिवार के ठाकुर ने हासिल किए 80 प्रतिशत अंक
राजकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय चमुवा में पढ़ने वाले गरीब घर के छात्र ठाकुर सिंह ने इस बार दसवीं की बोर्ड परीक्षा में 80 फीसदी अंक हासिल कर विद्यालय, परिवार और गांव का नाम रोशन किया है। बचपन में ही पिता का साया उठ जाने और घर में कोई भी व्यक्ति शिक्षित न होने के बावजूद ठाकुर ने अपनी मेहनत और विद्यालय में पढ़ाने वाले गुरुजनों के मार्गदर्शन में यह सफलता हासिल की है। उनकी शिक्षिका प्रेमा गड़कोटी जी बताती हैं कि अपने विनम्र स्वभाव और हर क्षेत्र में आगे रहने वाला ठाकुर सबका चहेता है। वह पढ़ाई के साथ-साथ भाषण, चित्रकला, अभिनय, लेखन व खेलकूद में भी हमेशा अव्वल रहता है।