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यूपीएससी में सफलता पर राहुल गोयल का अग्र.समाज ने किया अभिनन्दन

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By Suresh Agrawal, Kesinga, Odisha

यद्यपि, कोरोना महामारी के चलते कोई बड़ा आयोजन करना तो सम्भव नहीं था, फिर भी एक संक्षिप्त समारोह में समाज द्वारा वर्ष 2019 संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में 168वां स्थान हासिल करने वाले राहुल गोयल के सम्मान में पलक पाँवड़े बिछाये गये एवं स्नेहसिक्त भावनाओं के साथ उनका नागरिक अभिनन्दन किया गया।

स्थानीय अग्रसेन भवन में जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा तथा अग्रवाल सभा, केसिंगा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित स्वागत समारोह में राहुल के सम्मान में प्रशंसा के ख़ूब पुल बांधे गये, जिसमें स्पष्ट ही गर्व की अनुभूति झलकती थी। इस मौके पर मंचासीन अध्यक्ष द्वय अनिल कुमार जैन एवं लज्जेराम अग्रवाल द्वारा अपनी भावनाओं का भावपूर्ण इज़हार किया गया। अनिल जैन ने राहुल को सम्बोधित करते हुये ख़ास तौर पर कहा कि -आपने यूपीएससी में तेरापंथ का नाम रौशन किया है, अतः आपकी यह ज़िम्मेदारी बनती है कि संघ एवं संघपति के प्रति समर्पित रहते हुये समाज सुधार को अपना लक्ष्य बनायें। बसन्तलाल जैन ने कहा व्यवस्था में शुचिता लाने उसके हर क्षेत्र में हमारी भागीदारी ज़रूरी है। एक अन्य वक्ता रामकुमार जैन ने अपनी खुशी का इज़हार करते हुये कहा कि सिविल सेवाओं में विगत तीन दशक से यहाँ पड़े सूखे को राहुल ने समाप्त कर दिया है।

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पत्रकार सुरेश अग्रवाल ने राहुल को देश की एक सौ पैंतीस करोड़ की आबादी में एक चमकते हुये देदीप्यमान नक्षत्र की संज्ञा दी। श्यामसुंदर अग्रवाल ने राहुल के कृतित्व को आने वाली पीढ़ी के लिये प्रेरणा का स्रोत करार दिया। जबकि मारवाड़ी महिला समिति अध्यक्ष कविता जैन, तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष आनंद सागर जैन के अलावा रंगलाल जैन, लछमनलाल जैन, पूर्व अग्रवाल सभाध्यक्ष रमेश अग्रवाल, राहुल गोयल के पिताश्री सुनील गोयल तथा विनोद जैन द्वारा भी अपनी वाणी से कुछ इसी तरह की भावाभिव्यक्ति दी गयी।

सूत्रधार के रूप में सुश्री प्रांजल जैन एवं ऊर्ज़ा अग्रवाल द्वारा अपनी भूमिका बख़ूबी निभायी गयी एवं धन्यवाद ज्ञापन की औपचारिकता अग्रवाल सभा महासचिव कैलाश अग्रवाल द्वारा पूरी की गयी। इससे पूर्व विनम्रतापूर्वक अभिवादन स्वीकाते हुये स्वयं राहुल गोयल ने कहा कि अग्र-समाज में बहुधा बच्चों को प्रशासनिक सेवा, इंजीनियरिंग अथवा चिकित्सकीय शिक्षा के क्षेत्र में उतारने की कोशिश की जाती है, परन्तु आज पढ़ाई का क्षितिज काफी विस्तृत हो चुका है, अतः हमें बच्चों को चार्टर्ड एकाउन्टेन्ट, इंटीरियर डेकोरेशन, खेल, क्रीड़ा, पुलिस, तथा सर्वोपरि राजनीतिक क्षेत्र में भी उतारना चाहिए, तभी हम अपनी समानता क़ायम रख सकते हैं। उन्होंने जीवन में आगे बढ़ने एवं सफलता हासिल करने हेतु शिक्षा ही को एकमात्र मूल-मंत्र करार दिया।

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