देहरादून। उत्तराखण्ड सरकार ने पंचायतीराज (संशोधन) अध्यादेश 2025 जारी किया है। नए नियम के तहत जिन व्यक्तियों की दो से अधिक संतान हैं और जिनमें से कोई एक 25 जुलाई 2019 या उसके बाद जन्मी है, तो वे पंचायत चुनाव लडऩे के लिए आयोग्य होंगे। हालंकि जुड़वा बच्चों पर यह नियम लागू नहीं होगा। सभी चुनाव अधिकारियों को आगामी पंचायत चुनावों में इस नियम को लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।
उत्तराखण्ड सरकार की ओर से पंचायतीराज अध्यादेश (संशोधन) को अधिसूचित किया गया है। 16 मई 2025 को राज्य के राजपत्र गजट संख्या 206/एक्सएक्सएक्सवी पर प्रकाशित अध्यादेश में पंचायती राज अधिकनयम की कई धाराओं, धारा 2, 8, 10क, 11, 16, 53, 55-क, 56, 61, 90, 92क, 93, 98 और 131 झ में संशोधन किया गया है। संशोधित प्रावधान के अनुसार जिस व्यक्ति की दो से अधिक जीवित जैविक संतानें हैं और जिनमें से कोई एक संतान 25 जुलाई 2019 या उसके बाद जन्मी है, तो वह व्यक्ति पंचायत चुनाव लडऩे के लिए अयोग्य माना जाएगा। यह प्रतिबंध जुड़वा बच्चों पर लागू नहीं होगा।


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