robote

जन से खिलवाड़…

खबर शेयर करें

By C.S Karki 

मत करो ऐसी कोशिश कि
इन्सान को यन्त्र बना डालो।
संवेदनायें खत्म कर उसकी
निष्ठुर, जड़ पुतला बना दो।।

यह जरूरी नहीं कि
तुम्हारे इशारों पर वह बोले
साधे हित तुम्हारा
परछाई बन रोबोट हो ले।
कभी तुम उसे भगवान बनाओ
और कभी निर्लिप्त सन्त कह दो।।

बनाना चाहते हो समुन्दर कभी
कि तुम्हारे अपराध डूबो ले।
आकलन न करे तुम्हारे काम का
निर्णय को कभी चुनौती न दे।।

तुम्हारे सुख का प्रबंधन करे
और वक्त पर भव्य प्रदर्शन करे।
भूख और पीड़ा महसूस न करे
रोग क्या लगा उसे पता न चले।।

डरा डरा कर उसे
विकृत न बना दो
भ्रम भ्रम की आड़ में
इन्सानियत को न डूबो दो ।।

Follow us on Google News Follow us on WhatsApp Channel

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • Rating

Scroll to Top