नई दिल्ली। इस वर्ष का नोबेल शांति पुरस्कार मारिया कोरिना मचाडो को दिया गया है। मारिया वेनेजुएला की नेता प्रतिपक्ष हैं उन्होंने वहां पर लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने और तानाशाही से लोकतंत्र की ओर अपने देश को ले जाने के लिए लगातार संघर्ष किया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प नोबेल पुरस्कार पाने के लिए लगातार न सिर्फ अपनी दावेदारी पेश कर रहे थे बल्कि दूसरे देशों के नेताओं के द्वारा भी करवा रहे थे। लेकिन आज नोबेल पुरस्कार की घोषणा के साथ ही ट्रंप का सपना धरा रह गया।
महीनों के इंतजार के बाद आज दोपहर ढाई बजे नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने नोबेल पीस प्राइज की घोषणा हो गई। इसकी विजेता वेनुजेएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो हैं। डेमोक्रेटिक राइट्स को अपने देश में बढ़ावा देने, महिलाओं के हित में काम करने और डिक्टेटरशिप से डेमोक्रेसि तक के वेनेजुएला के सफर को आगे बढ़ाने और सहयोग देने के लिए मारिया कोरिना मचाडो को ये पुरस्कार मिला है।
डोनाल्ड ट्रंप लगातार न सिर्फ अपनी दावेदारी पेश कर रहे थे बल्कि दूसरे देशों के नेताओं के द्वारा भी करवा रहे थे। वो दावा कर रहे थे कि उन्होंने 6-7 युद्ध रुकवाए हैं। नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा से एक दिन पहले ही गाजा में शांति की दिशा में एक कदम आगे बढऩे का फैसला लिया गया। बंदियों को छोडऩे पर सहमति बनी जिसके बाद ये माना जा रहा था कि ट्रंप नोबेल पीस प्राइज के बड़े दावेदार रहेंगे। लेकिन ट्रंप का सपना धरा रह गया और बाजी वेनेजुएला की विपक्षी लीडर मचाडो ने मार ली।







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