नई दिल्ली। जस्टिस सूर्यकांत ने सोमवार को भारत के 53वें चीफ जस्टिस(सीजेआई) के तौर पर शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में उन्हें शपथ दिलाई। इसके साथ ही ज्यूडिशियरी के हेड के तौर पर उनका 14 महीने का कार्यकाल शुरू हो गया है। वे भूषण आर. गवई की जगह लेंगे। इससे पहले राष्ट्रपति मुर्मू ने जस्टिस कांत को संविधान के आर्टिकल 124(2) के तहत नियुक्त किया था। यह नियुक्ति किए जाने वाले गवई की सिफारिश पर की गई थी, जिन्होंने अपने उत्तराधिकारी के नाम में सीनियरिटी के नियम को बनाए रखा था।
जस्टिस सूर्यकांत जम्मू-कश्मीर का स्पेशल स्टेटस हटाने वाले आर्टिकल 370 को हटाने, बिहार इलेक्टोरल रोल में बदलाव और पेगासस स्पाइवेयर केस पर कई अहम फैसलों और आदेशों का हिस्सा रहे हैं। उन्हें 30 अक्टूबर को अगला सीजेआई नियुक्त किया गया था और वे 9 फरवरी 2027 तक लगभग 15 महीने तक इस पद पर रहेंगे।
हरियाणा के हिसार जिले में 10 फरवरी, 1962 को एक मिडिल क्लास परिवार में जन्मे जस्टिस कांत एक छोटे शहर के वकील से देश के सबसे ऊंचे न्यायिक पद तक पहुंचे, जहां वे राष्ट्रीय महत्व और संवैधानिक मामलों के कई फैसलों और आदेशों का हिस्सा रहे हैं। उन्हें 2011 में कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से लॉ में मास्टर डिग्री में फस्र्ट क्लास फस्र्ट लाने का भी गौरव प्राप्त है। पंजाब और हरियाणा एचसी में कई खास फैसले लिखने वाले जस्टिस कांत को 5 अक्टूबर 2018 को हिमाचल प्







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