बॉलीवुड के कॉमेडियन जॉनी लीवर आज 66 साल के हो गए हैं। जॉनी कभी फिल्मों में नहीं आना चाहते थे मगर वह करीब 350 फिल्मों का हिस्सा रहे हैं । जब उन्हें पहली फिल्म मिली तो डर की वजह से बुखार आ गया था। क्रिश्चियन परिवार में जन्मे जॉनी का बचपन गरीबी में बीता। तंगी से परेशान होकर सुसाइड की कोशिश भी की। आज इनकी कुल संपति 227 करोड़ है।
जॉनी लीवर का जन्म 14 अगस्त 1957 में आंध्र प्रदेश के तेलगु क्रिश्चियन परिवार में हुआ था। कुछ समय बाद उनका परिवार मुंबई के धारावी में आकर रहने लगा। जॉनी तीन बहनों और दो भाइयों में सबसे बड़े थे।
जॉनी लीवर सिर्फ सातवीं तक पढ़ाई कर पाए थे। परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने की वजह से उन्हें पढ़ाई छोड़नी पड़ी और छोटा-मोटा काम शुरू किया।
जॉनी लीवर बचपन से ही बहुत क्रिएटिव थे। बच्चे-बुजुर्गों को देखकर वह उनकी हरकतों को कॉपी किया करते थे। उनका यह सब करना लोगों को बहुत पसंद आता था।
जॉनी लीवर की जिंदगी से जुड़े कई किस्से हैं। एक दिन जॉनी लीवर ग्रुप के गुरु से मिलने उनके फ्लैट पर गए। तभी उन्हें एक आदमी ने रोक लिया और कहा कि वो ग्रुप के लोगों के साथ नौटंकी करके अपना वक्त जाया ना करें। इस पर जॉनी उससे पूछ बैठे कि वो फिर कौन सा काम करें।
वो शख्स फेरी लगाकर पेन बेचता था, उसने जॉनी को भी अपने साथ वही काम करने का ऑफर दिया। जॉनी मान भी गए। शुरुआत में पेन बेचकर वो दिन के 5-6 रुपए कमा लेते थे। इसी दौरान उन्होंने कुछ लोगों को मिमिक्री करते देखा। ये देख वो बहुत प्रभावित हुए और मन बनाया कि वो ये करेंगे।
एक दिन वो पेन बेच कर रहे थे कि तभी उन्हें मन में ख्याल आया कि क्यों ना वो बॉलीवुड सितारों की मिमिक्री कर पेन बेचें। उन्होंने शुरुआत दादामुनी (अशोक कुमार) की एक्टिंग से की। इससे पेन बेचने का धंधा बहुत तेजी से चल गया। दिन की कमाई 400-500 तक पहुंच गई। ग्रुप के लोगों ने जॉनी लीवर की मुलाकात संगीतकार जोड़ी कल्याण जी-आनंद जी से कराई। इसके बाद जॉनी उन लोगों के साथ बड़े-बड़े शोज करने लगे। जॉनी स्टेज तो आसानी से कर लेते थे, लेकिन फिल्मों में काम करने से कतराते थे।
एक दिन वो कल्याण जी और कुछ लोगों के साथ कैरम खेल रहे थे। तभी तमिल के एक प्रोड्यूसर आए और बातों-बातों में बताया कि जिस फिल्म पर वो काम कर रहे हैं, वो लगभग पूरी हो चुकी है। बस 2-3 सीन्स के लिए उन्हें एक कॉमेडियन की तलाश है, जो कॉमेडियन जगदीप के अपोजिट काम कर सके। कॉमेडियन की जरूरत देख कल्याण जी ने प्रोड्यूसर को जॉनी को फिल्म में कास्ट करने का सुझाव दिया। प्रोड्यूसर भी मान गए, लेकिन ये सुन जॉनी के हाथ-पैर कांपने लगे। इस फैसले के दो घंटे बाद ही उन्हें चेन्नई जाना पड़ा। पूरी रात वो सो नहीं पाए, बुखार सा हो गया।
जब उन्होंने पहले दिन सेट पर लोगों को बिना किसी हिचक के काम करते देखा तब उन्हें समझ आया कि वो स्टेज के जैसे फिल्म में भी आसानी से काम कर लेंगे। इसके बाद उन्होंने अपना शॉट दिया जो लोगों को बहुत पसंद आया। इस तरह से उन्होंने फिल्मों में एंट्री ली। इस तमिल फिल्म का हिंदी वर्जन में नाम ‘ये रिश्ता न टूटे’ था।